सूर्योदय भास्कर: भूकंप के झटके केजीएमयू में भी महसूस किए गए। यहां की दंत संकाय की पुरानी बिल्डिंग में तो डॉक्टर, कर्मचारी-मरीज इलाज बीच में छोड़कर सड़क पर आ गए। सेमिनार हॉल में कुर्सियां, मेज और पंखों हिलने लगे तो सेमिनार रोक कर डॉक्टर-रेजिडेंट जान बचाकर भागे।

दोपहर करीब 2:40 बजे दंत संकाय की पुरानी बिल्डिंग में सामान्य दिनों की भांति मरीजों का इलाज चल रहा था। तभी प्रथम तल के गेट पर बैठे कर्मचारी संजय और शरद ने कुर्सी में कंपन महसूस किया। उसने तुरंत इसकी सूचना विभाग में डॉक्टरों को दी। इसी दौरान चौथे तल पर ओरल पैथोलॉजी विभाग की डॉ. शालिनी गुप्ता व डॉ. फहद भी जीने के रास्ते भागते हुए नीचे पहुंचे। कुछ ही देर में भूकंप का हल्ला मच गया। देखते ही देखते डेंटल चेयर में भी कंपन शुरू हो गए। इलाज में जुटे डॉक्टर-कर्मचारी घबरा गए। मरीजों को भी दहशत की वजह से पसीना आने लगा। इलाज बीच में छोड़ सभी सड़क की तरफ भागे। कुछ मरीजों के दांतों से खून निकल रहा था तो रेजिडेंट डॉक्टर इलाज का सामान लेकर बाहर आए। सड़क पर खड़े होकर मरीजों को राहत पहुंचाई। इसी प्रकार केजीएमयू के दूसरे विभागों में भी आंशिक झटके महसूस किए गए। लोहिया संस्थान के एकेडमिक ब्लॉक और हॉस्पिटल ब्लॉक में भी पंखे व बेड हिलने की कुछ मरीजों ने शिकायत की। पीजीआई के ओपीडी ब्लॉक में झटके महसूस किए गए।

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