भारत-प्रशांत में ‘शांति और स्थिरता’ को बढ़ावा देने के मुद्दों पर हुआ विचार-मंथन
संकट को कम करने में कूटनीति की भूमिका’ के बारे में सैन्य प्रमुखों ने की चर्चा

नई दिल्ली, सूर्योदय भास्कर। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक ‘रोडमैप’ तैयार करने पर सहमत होने के साथ ही मानेकशॉ सेंटर में दो दिनों तक चली इंडो-पैसिफिक आर्मी चीफ कॉन्फ्रेंस (आईपीएसीसी) का बुधवार को समापन हो गया। सम्मेलन के दौरान भारत-प्रशांत क्षेत्र में ‘शांति और स्थिरता’ को बढ़ावा देने के लिए मुख्य प्रयासों के साथ-साथ सुरक्षा और आपसी हित के अन्य समसामयिक मुद्दों पर विचार-मंथन हुआ।

यह सम्मेलन सैन्य सहयोग के लिए एक साझा दृष्टिकोण विकसित करने, सामूहिक जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने, रक्षा कूटनीतिक पहलों को आगे बढ़ाने और खुले और निरंतर संवाद के महत्व को मजबूत करने में सफल रहा है। आईपीएसीसी में 30 देशों की भागीदारी देखी गई। 18 देशों का प्रतिनिधित्व उनकी सेनाओं के प्रमुखों ने और 12 देशों का प्रतिनिधित्व प्रतिनिधिमंडलों ने किया। सम्मेलन के दौरान भारत-प्रशांत क्षेत्र में ‘शांति और स्थिरता’ को बढ़ावा देने के लिए मुख्य प्रयासों के साथ-साथ सुरक्षा और आपसी हित के अन्य समसामयिक मुद्दों पर विचार-मंथन हुआ।

सिंगापुर से आए मेजर जनरल टैन चेंग क्वे ने ‘संकट को कम करने में सैन्य कूटनीति की भूमिका’ के बारे में बात की। लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रत साहा (सेवानिवृत्त) ने ‘आधुनिक सेनाओं के लिए आत्मनिर्भरता की अनिवार्यता’ विषय पर चर्चा की। सभी प्रमुखों और प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों ने नियमों पर आधारित विश्व व्यवस्था का पालन करने वाले एक खुले और समावेशी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की आवश्यकता पर स्वतंत्र और स्पष्ट चर्चा की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इंडो-पैसिफिक में कई स्तरों पर विविधता है और सभी इस क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए सहयोगात्मक प्रयास की दिशा में काम करने पर सहमत हुए।

रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने समापन समारोह को संबोधित किया। सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने इस अवसर पर समापन भाषण दिया। अमेरिकी सेना प्रशांत के कमांडिंग जनरल चार्ल्स ए. फ्लिन ने भी प्रतिभागियों को संबोधित किया। समापन समारोह से पहले विचार-मंथन के लिए एक गहन सत्र आयोजित किया गया। सम्मेलन के पूर्ण सत्र के बाद प्रतिभागियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। सम्मेलन के नतीजे भविष्य में नए विचार और दृष्टिकोण पैदा करने के लिए एक सहयोगात्मक रोड मैप के लिए आधार तैयार करेंगे।

लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने इंडो-पैसिफिक आर्मी चीफ कॉन्फ्रेंस में भाग लेने वाले सिंगापुर, थाईलैंड और मंगोलिया की सेनाओं के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। बातचीत के दौरान रक्षा सहयोग बढ़ाने के पहलुओं और आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा की गई।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here