नई दिल्ली, सूर्योदय भास्कर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व लोकसभा सदस्य राहुल गांधी ने कहा कि जातिगत जनगणना समय की मांग है। कांग्रेस की सरकार बनी को हम जातिगत जनगणना कराएंगे।

राहुल गांधी ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ओबीसी समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। इसलिए जातिगत जनगणना कराई जानी चाहिए। देश में बड़ी आबादी ओबीसी समाज की है लेकिन उनका शासन और सत्ता में हिस्सेदारी कम है।

राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि वो ओबीसी के लिए बहुत काम करते हैं। अगर वे ओबीसी के लिए काम करते हैं, तो 90 सचिवों में से सिर्फ 03 सचिव ओबीसी से क्यों हैं? ये ओबीसी ऑफिसर्स देश के बजट का कितना और क्या कंट्रोल कर रहे हैं?

राहुल ने कहा कि भाजपा ने ओबीसी सांसदों को कोई अधिकार नहीं दिया है। उनके पास न तो पावर है, न ही कोई निर्णय ले सकते हैं। कांग्रेस सरकार आएगी तो जातिगत जनगणना कराएंगे। उससे देश को पता चलेगा कि ओबीसी, दलित और आदिवासी कितने हैं। उन्हें देश चलाने में भागीदारी मिलेगी।

राहुल ने कहा कि यह सरकार महिलाओं को भी उनका हक देना नहीं चाहती है। महिला आरक्षण विधेयक बिना जनगणना और परिसीमन के भी लागू किया जा सकता है और महिलाओं को उनका हक दिया जा सकता है। संसद के इस विशेष सत्र का मुख्य मुद्दा महिला आरक्षण था लेकिन इसके साथ दो शर्तें भी थीं कि महिला आरक्षण करने से पहले जनगणना और परिसीमन करवाना होगा, जिसे करने में कई साल लगेंगे। सच्चाई ये है कि महिला आरक्षण को आज लागू किया जा सकता है। संसद और विधानसभा में महिलाओं को आरक्षण दिया जा सकता है लेकिन मोदी सरकार गुमराह कर रही है।

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