सूर्योदय भास्कर संवाददाता/आगरा। ताजनगरी प्रतिदिन ढाई से तीन हजार किलोग्राम बालों का कलेक्शन होता है। इसके लिए 150 से 200 लोग अलग-अलग क्षेत्रों में घूमते हैं। आजकल तो 100-150 फेरी वालों के साइकिल या मोपेड पर लाउड स्पीकर से एक आवाज सुनाई देती हैं। टूटे झड़े बाल 3 हजार रुपए किलो। आवाज सुनकर महिलाएं घर में पॉलीथिन या डिब्बे में रखे बालों के गुच्छे को लेकर फेरी वालों के पास पहुंचती है।
आपको बतादें कि फेरी लगाने वाले ने बताया कि कॉलोनियों में अब तो ग्राहक भी बन गए हैं। सप्ताह या 15 दिन में अलग-अलग क्षेत्रों में पहुंच साइकिल पर स्पीकर लगाकर आवाज लगाते हैं। कालिंदी विहार क्षेत्र आवास विकास, वजीरपुरा, नगला पदी, प्रकाश नगर, महर्षि पुरम, गांधीनगर, बोदला, खंदारी, लोहा मंडी, रामबाग और गांव आदि में एक चक्कर में 50 से 300 ग्राम तक बाल मिल जाते हैं। एक घर से अधिकतम आठ से 15 ग्राम तक बाल मिलते हैं। अब तो कुछ लोगों ने मोबाइल नंबर ले लिया है। टूटे और झड़े हुए बालों को देख तनाव तो हो रहा है, लेकिन उनके बदले मिलने वाली धनराशि खुशी भी दे रही है। आगरा की कॉलोनियों, गलियों में 2500 से 3000 रुपये तक फेरी वाले बाल खरीद रहे है।
बालों का कारोबार 45 लाख सालाना का टर्नओवर
आगरा में बालों के कारोबार से जुड़े व्यापारियों ने बताया, पिछले तीन सालों में बालों की खरीद-फरोख्त बढ़ी है। हर महीने करीब 1500 किलो बाल कलेक्ट होता है। इसे बेचकर महीने में करीब 45 लाख और सालाना साढ़े 5 करोड़ का कारोबार होता है। चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप में वर्जिन हेयर और रेमी हेयर की डिमांड ज्यादा बढ़ गई है। गुणवत्ता के आधार पर चार हजार रुपये प्रति किलोग्राम तक भुगतान किया जाता है। एक फेरी वाला एक दिन में 500 ग्राम से डेढ़ किलोग्राम तक बाल खरीद लाता है, जिसमें महिलाओं के ही बाल होते हैं। इन बालों को दिल्ली के व्यापारियों को बेचा जाता है। वहां पर गंदे बालों को स्वच्छ एवं व्यवस्थित कर दूसरे देशों को बेचा जाता है। गोदाम संचालक ने बताया कि वह बालों को यहां से दिल्ली भेजते हैं। सात दिन में जितने बाल जुटते है बताया जाता है कि इनसे पानी के जहाज की रस्सी और नकली बाल की बिग बनाई जाती है। फैक्ट्रियों में केमिकलों से बालों को ट्रीट किया जाता है। काला बनाने के लिए पॉलिशिंग होती है। कई तरह के कंडीशनर भी बालों पर इस्तेमाल किए जाते हैं, जिससे वे मुलायम हो सकें।
जानकारी के अनुसार वजन के हिसाब से फेरी वाले महिलाओं को पैसे देते हैं। फेरी वाले घर-घर जाकर महिलाओं के बालों का कलेक्शन करते हैं। इसके अलावा सैलून, पार्लर से भी बालों को डायरेक्ट खरीद होती है। गोदाम संचालक ने बताया कि वह करीब चार साल से बाल खरीदने का काम कर रहे हैं। दिल्ली में उनका एक परिचित पहले काम करता था। उसने बालों के व्यापार के बारे में बताया कि बालों को खरीदने में अच्छा मार्जन है। उसके कहने पर बालों को खरीदने का काम शुरू कर दिया।
2023 में यह कारोबार 75 हजार करोड़ के पार
शुरुआत में दिन में एक किलो बाल भी नहीं मिलते थे। उस समय दो हजार रुपए किलो कीमत थी। महिलाओं को नहीं पता था कि टूटे बालों के दाम मिलते हैं लेकिन चार साल में काम बहुत बढ़ गया। उनके पास एक दिन में 10 किलो तक बाल आते हैं। वहीं दूसरे गोदाम पर बैठे देवेंद्र ने बताया कि पहले उनका एक गोदाम था, लेकिन अब उन्होंने दो जगह पर काम शुरू किया है, दिन में करीब 20 किलो तक बाल आते हैं। 2023 में यह कारोबार 75 हजार करोड़ का हो जाएगा।
हर साल 10 प्रतिषत की दर से बढ़ोतरी
गोदाम संचालक ने बताया कि फैक्ट्री से माल को तैयार कर कोलकाता, दिल्ली और चेन्नई में व्यापारियों को बेचा जाता है। यहां बालों के ट्रीटमेंट का अंतिम प्रोसेस होता है। यहां से बाल चीन, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन भेजे जाते हैं, जहां इनके कस्टमाइज्ड विग तैयार होते हैं। इंसानी बाल खरीदने में चीन सबसे आगे है। इसके बाद अमेरिका अफ्रीका और यूरोप के देशों का नाम आता है। हेयर प्रोडक्ट्स कंपनी नाइल्सन की रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल यह बिजनेस 10 प्रतिषत की दर से बढ़ रहा है।