नई दिल्ली, सूर्योदय भास्कर। केन्द्रीय मंत्री व राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल ने कहा कि भारत में लोकतंत्र दिनों दिन मजबूत हो रहा है। इसे मजबूत बनाने में संसद के दोनों सदनों का अहम् योगदान है।

गोयल ने सोमवार को संसद के विशेष सत्र के दौरान राज्यसभा में ”75 वर्ष की संसदीय यात्रा” विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। यहां वैदिक काल में भी ‘समिति’, ‘सभा’ और ‘संसद’ जैसे शब्द मिलते हैं। इससे पता चलता है कि हमारी जड़ों में लोकतंत्र है।

गोयल ने कहा कि देश के 75 वर्षों के संसदीय इतिहास में विभिन्न नेताओं ने योगदान दिया है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन, जाकिर हुसैन, शंकर दयाल शर्मा, कोचेरिल रमन नारायणन, भैरों सिंह शेखावत, मोहम्मद हामिद अंसारी, एम वेंकैया नायडू और अब जगदीप धनखड़ सहित राज्यसभा के विभिन्न सभापतियों ने संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने का काम किया है। इस संसदीय प्रणाली को मजबूत बनाने में संसद के सदस्यों ने भी बड़ी भूमिका निभाई है। राज्यसभा कई ऐतिहासिक फैसलों का साक्षी रहा है। इसी सदन से संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने को प्रक्रिया शुरू हुई थी। सदन में तीन तलाक और जीएसटी जैसे कानूनों पर चर्चा हुई और कानून बने। हमारी बहुत सी यादें इस संसद से जुड़ी हैं, जिन्हें कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है।

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