सूर्योदय भास्कर संवाददाता/आगरा। सुखमनी सेवा सभा के तत्वावधान में तकरीबन 125 लोगों का जत्था गुरद्वारा गुरु का ताल आगरा से “अपना घर आश्रम” भरतपुर जहां पर असहाय, बीमार लाचार व मानसिक रूप से बीमार लोगों की सेवा की जाती है उसे सेवा में अपना हिस्सा डालने के लिए व वहां के लोगों को शब्द कीर्तन द्वारा प्रभु से जोड़ने के लिए आगरा सुखमनी सेवा सभा का जत्था भरतपुर अपना घर आश्रम पहुंचा जहां पर तकरीबन 2000 लोगों को सभी संगत ने मिलकर के भोजन कराया अपने हाथों से सेवा की वह वहां के लोगों के दुख दर्द को जाना महसूस किया उसके बाद उसे सेवा के साथ-साथ अमृतमई कीर्तन का भी प्रोग्राम रखा गया जिसे सर्वधर्म के लोगों ने सुना और भूरी भूरी प्रशंसा की इस अमृतमई कीर्तन की हाजिरी सभा के प्यारे वीर महेंद्र पाल सिंह जी व साथियों द्वारा लगाई गई।
उन्होंने कहा की सेवा और सिमरन दो पंख है जिस से इंसान की सुरती उसे प्रभु के मंडल में घूमाती हैं जैसे पक्षी को दो पंखों की जरूरत होती है उड़ने के लिए जैसे पानी को बहने के लिए दो किनारो की जरूरत होते हैं ऐसे ही इंसान की सुरती को प्रभु के मंडल में जाने के लिए सेवा और सिमरन की जरूरत होती है जो चीज आश्रम में प्रत्यक्ष रूप से प्रतीत होती हैं क्योंकि मानव सेवा ही भगवान की सेवा है और इस सेवा को निभाने के लिए डॉक्टर बृजमोहनभारद्वाज उनके मिसेज डॉक्टर माधुरी भारद्वाज और समूह मैनेजमेंट बधाई का पात्र है इस अवसर पर सभा की तरफ से बेअत माया धन के रूप में अर्पित की गई वह 2000 लोगों के लंगर की सेवा हेतु भी धन का दान दिया गया और सभी ने इस सेवा में शामिल होकर अपने आप को भाग्यशाली समझे।