शिक्षा विभाग में दर्जनों नोटिस देने के बाद एक पर कार्यवाही नही और न किसी से वसूला जुर्माना

स्कूलों को नोटिस देने के बाद कार्यवाही न होना बेसिक शिक्षा अधिकारी की कार्यशैली पर सवालिया निशान

विभाग में कई बाबू जिन पर प्रार्थना पत्र लिखना नही आता उनका कार्यालय में क्या काम

सूर्योदय भास्कर संवाददाता/आगरा। बेसिक शिक्षा विभाग आजकल नोटिस विभाग के नाम से जाना जा रहा है। शिक्षा विभाग में दर्जनों नोटिस दिए गए लेकिन आज तक उन नोटिस पर कोई कार्यवाही नही हुई, अब आप समझ रहे होंगे कि इन नोटिसों के पीछे क्या है खेल, वर्तमान बेसिक शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर शिक्षा अधिकारो के उल्लंघन व बिना मानको के संचालित वाले स्कूलों को नोटिस देने के बाद कार्यवाही न होना, बेसिक शिक्षा अधिकारी की कार्यशैली पर सवालिया निशान पैदा करती है।

पिछले सप्ताह होली किड्स पब्लिक स्कूल व ब्राइट लेंड, दा डीआर इंटरनेशनल जैसे तमाम स्कूलो को को नोटिस देने के बाद कार्यवाही ठंडे बस्ते में दीमक चाट रही है। सूत्रों की माने तो नोटिस नोटिस का खेल खेल कर स्कूलो से वसूली का खेल निरन्तर जारी है। जिसके चलते आज तक किसी स्कूल पर न कोई कार्यवाही हुई न किसी से जुर्माना वसूला गया, दर्जनों नोटिस देने के बाद किसी से जुर्माने की राशि न वसूलना वर्तमान। बेसिक शिक्षा अधिकारी की कार्यशैली पर सवालिया निशान पैदा कर रही है।

जानकारी के अनुसार पिछले तीन माह कई मान्यता की। जिनमे मानक पूरे नही, कई बार संवादाता द्वारा 3 माह में हुई मान्यताओ की सूची मांगी जाती तो सूची देने में आना कानी की जाती है और बीएसए पर कोड का हवाला देकर गुमराह किया जाता है। शिक्षा विभाग में दलालो का बोलबाला है। शिक्षा विभाग ऐसे कर्मचारी घूमते नजर आएंगे वह केवल पूरे दिन दलाली की लिए घूमते नजर आएंगे। विभाग में कई बाबू जिन पर आजतक प्रार्थना पत्र लिखना नही आता। ऐसे लोगो को मान्यता की वसूली के लिए लगाया हुआ, इसके अलावा मंडल स्तर के कार्यालय में अपने को वरिष्ठ सहायक कहते हैं उतने वरिष्ठ काम उनके देखने को मिल रहे हैं।

आपको बता दे कि इन सभी मामलों को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्राथमिकता से नही लिया। आगे आने वाले समय में बिना मानको व पूर्व में हुई गलत मान्यता गले की फांस बन सकती है। समाज सेवी सावित्री देवी चाहर ने बताया कि शिक्षा विभाग को अपनी छवि साफ सुधरी करनी है। कार्यो में पारदर्शिता करनी होगी अपने कार्यकाल में जितनी मान्यता हुई उनकी सूची देनी चाहिए, जो नोटिस दिए उन नोटिस पर आज तक क्या कार्यवाही हुई उसका जबाव देना चाहिए, नोटिस नोटिस का खेल शहर का प्रत्येक व्यक्ति समझ गया है कि क्यो दिए जाते हैं।

इसके बदले शिक्षा विभाग के अधिकारी अपनी सेवाएं चाहते हैं। सूत्रों से जानकारी के अनुसार फतेपुर सीकरी व जगनेर की खंड शिक्षा अधिकारी अन्य कर्मचारी के साथ मिलकर दो दिन पहले कई स्कूलों से वसूली के आरोप बताये गए जिसका अगले अंक में पूरा प्रकाशित किया जाएगा।

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