सूर्योदय भास्कर ब्यूरो/आगरा। प्राकृतिक सुंदरता को समेटे पटनीटॉप के हृदय स्थल में स्थित 22 एकड़ में फैला विशाल माउंटेन हार्बर स्काई व्यू बाई इम्पायरियन 5 से 10 सितंबर तक पहली बार आयोजित होने वाले आर्ट रिट्रीट सामा वाया की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है आर्ट कंसलटेंट अनुपा मेहता द्वारा आयोजित और क्यूरेटेड रिट्रीट में भाग लेने और इससे जुड़ने वाले देश भर के 6 प्रतिभाशाली और नामचीन कलाकारों और शिल्पकारों का स्वागत किया जाएगा।

आयोजन में अनुराधा सोराबजी का विशेष सहयोग होगा। कलाकार जम्मू, यहां के पर्यावरण और स्काईव्यू बाई एम्पायरियन के इम्प्रेशन्स को आकार देने के लिए व्यक्तिगत रूप से और जोड़े के रूप में भी कलात्मक कार्य करेंगे।कार्यक्रम में शामिल होने वाले 6 कलाकारों में कई पुरस्कारों के विजेता मोहन कुमार वर्मा शामिल हैं, जो पारंपरिक सांझी पेपर स्टेंसिल के उम्दा कारीगरों के परिवार से हैं। मथुरा और वृंदावन में प्रचलित यह खूबसूरत कला 16वीं शताब्दी से चली आ रही है और मूल रूप से इसका उपयोग भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों में रंगोली बनाने के लिए किया जाता था।

सांझी में विशेष रूप से तैयार की गई कैंची से काटे गए पैचीदा और जटिल डिजाइन होते हैं। ये रंगों, रंगील फूलों, और पत्थरों से सजे होते हैं। इनसे मोर, बैलगाड़ी, घोड़े, गाय, तितलियों और पेड़ों की चित्र आकृतियां बनती हैं, जो अक्सर भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी कहानियों और लीलाओं का वर्णन करती हैं। मोहन कुमार वर्मा की इस अनूठी प्रतिभा को दिल्ली में आगा खान फाउंडेशन, इलाहबाद में उत्तर मध्य सांस्कृतिक केंद्र और कोयंबटूर में इशा योग केंद्र सहित कई अन्य प्रतिष्ठित स्थानों पर प्रदर्शित किया जा चुका है। उन्हें अपने इस हुनर के लिए कई पुरस्कार मिल चुके हैं, जिनमें इस कठिन कला के प्रति उनके समर्पण को ध्यान में रखते हुए 2015 में दिया गया सूरजकुंड शिल्प मेला कलामणि पुरस्कार भी शामिल हैं। वे सांझी की खूबसूरत कला के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यशालाएं भी आयोजित करते हैं।

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