सूर्योदय भास्कर संवाददाता/आगरा। शिक्षक शिक्षा के विस्मयकारी, एकरॉक स्टार हैं। वे अगली पीढ़ी के जीवन को समृद्ध बनाने के लिए अथक प्रयास करते हैं। उनकी भक्ति, कड़ी मेहनत और शाश्वत सकारात्मकता पर कभी लोगो का ध्यान नहीं जाता। शिक्षक दिवस पर सेंट पीटर्स कॉलेज ओल्ड बॉय्ज़ असोशिएशन ने स्कूल प्रांगण में टीचर्स डे पर वर्तमान के शिक्षक और पुराने शिक्षकों को याद कर शिक्षक दिवस बडी धूमधाम से मनाया।
स्कूल के प्रिन्सिपल फादर भास्कर येशुराज ने अपने अनुबोधन में स्कूल के विधार्थीओ को ज़िंदगी भर तीन बात याद रखने को कहा –अपने शिक्षक को हमेशा याद रखना, शिक्षको का आदर करना और देश के जिम्मेदार नागरिक बनने का पाठ सिखाया। स्कूल के सभी छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। मंगलवार को शिक्षक दिवस पर स्कूल, कॉलेजो में शिक्षक दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया।
इसीक्रम में संजय प्लेस स्थित सेंट पीटर्स स्कूल में भी शिक्षक दिवस के मौके पर स्कूल में कार्यक्रम की शुरुआत डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन और मदर टेरेसा के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सेंट पीटर्स के फादर भास्कर येशुराज ने बताया कि आज के दिन डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस है, वो भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति रहे।
वे भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक थे। उनके इन्हीं गुणों के कारण सन् 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया। सन 1962 में दूसरे राष्ट्रपति के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, डॉ. राधाकृष्णन के छात्रों ने उनसे 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने का अनुरोध किया। इसके बजाय, उन्होंने समाज में शिक्षकों की अमूल्य भूमिका पर जोर देते हुए इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा था। जब नई शिक्षा नीति लागू कर दी गयी है, शिक्षक का योगदान और भी महत्वपूर्ण हो गया है। शिक्षक हमेशा से भविष्य निर्माता रहे हैं और रहेंगे।
स्कूल के 175 साल से ज्यादा के काल में शिक्षा और शिक्षक अनुशासन, संचार कौशल, सुनना, सहयोग, अनुकूलनशीलता, सहानुभूति और धैर्य पर ज़ोर देते रहे हैं । प्रभावी शिक्षण की अन्य विशेषताओं में स्कूल कक्षा में आकर्षक उपस्थिति, वास्तविक दुनिया में सीखने का मूल्य, सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान और सीखने के प्रति आजीवन प्यार भी शामिल रखा।
इस मौके पर मुख्यरूप से स्कूल प्रिंसिपल फादर भास्कर येशुराज, स्कूल मैनेजर फादर मिरेंडा, ओल्ड बॉय्ज़ असोशिएशन के ओम सेठ, अनिल शर्मा, भरत महाजन, नितेश गुप्ता, अमित खत्री, अनमोल कोहली और विवेक गर्ग कार्यक्रम में उपस्थित रहे। दुनिया का पहला शिक्षक कन्फ्यूशियस को दुनिया का पहला शिक्षक माना जाता है। वह एक निजी शिक्षक थे, जो इतिहास पढ़ाते थे। पहले केवल शाही या कुलीन वर्गों को ही शिक्षा प्राप्त थी। दूसरी ओर, कन्फ्यूशियस ने इस धारणा को बदल दिया और जो भी सीखना चाहता था उसे सिखाया।