सूर्योदय भास्कर ब्यूरो/आगरा। वृद्ध हथनी नीना, जिसे वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस द्वारा भीख मांगने के अपमानजनक जीवन से बचाया गया था, उसका पैरों में तकलीफ और बुढ़ापे के परिणामस्वरूप हाल ही में निधन हो गया। नीना एक 62 वर्षीय नेत्रहीन हथनी थी, जिसे 2021 में वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस द्वारा बचाया गया और मथुरा के हाथी अस्पताल परिसर में इलाज के लिए लाया गया था।

हथिनी नीना, जो दो साल से अधिक समय तक वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस की देखरेख में थी, पैरों में गंभीर चोटों के कारण अपना भार उठाने में असमर्थ हो गई थी। उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस द्वारा संचालित हाथी अस्पताल में समर्पित पशु चिकित्सकों और हाथी देखभाल कर्मचारियों की टीम की उपस्थिति में वृद्ध हथनी ने अपनी अंतिम सांस ली।नीना का जीवन क्रूरता से भरा था और वह लगभग छह दशकों तक इसका शिकार रही। उसे अंकुश (एक नुकीला औज़ार) के आदेश पर चलने के लिए मजबूर किया गया, उसके क्रूर मालिक पैसों के लालच में उसका व्यावसायिक रूप से शोषण करते रहे। उसे कभी आराम नहीं करने दिया ना ही कभी पर्याप्त भोजन और पानी प्राप्त कराया गया, बस केवल उत्तर प्रदेश की सड़कों पर भीख मांगने के लिए उसका इस्तेमाल करते रहे।नीना की भयानक स्थिति को और बढ़ाने के लिए, उस पर अंकुश के बार बार प्रहार कर जानबूझकर उसे अंधा कर दिया गया। यह लोगों की सहानुभूति हासिल करने और उनसे पैसे ठगने का ज़रिया था।

उसकी दयनीय स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त होने पर, वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस ने जून 2021 में नीना को बचाया और उसे मथुरा के हाथी अस्पताल परिसर के सुरक्षित आवास में लाए। उस समय नीना दुर्बल और कुपोषित थी, और पैरों में ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी गंभीर समस्या से पीड़ित थी।लेकिन वाइल्डलाइफ़ एस.ओ.एस की पशुचिकित्सकों की टीम ने नीना को ठीक करने के लिए उसके इलाज में हर संभव सहायता प्रदान की। उसके जोड़ों के दर्द में राहत प्रदान करने के लिए लेजर थेरेपी मसाज दी। इसके अतिरिक्त, उसके स्वास्थ्य की निगरानी के लिए औषधि और मल्टीविटामिन की खुराक भी नियमित रूप से दी गई। वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस की टीम के अथक प्रयासों के बावजूत, बुढ़ापा और लगभग 60 वर्षों के दुर्व्यवहार ने नीना को जकड लिया और उसने अन्य हाथियों और उसको प्यार करने वाले उसकी देखभाल करने वालों की उपस्थिति में अपनी आखरी सांस ली।वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस की पशुचिकित्सा सेवाओं के उप-निदेशक, डॉ. इलयाराजा ने कहा, “नीना अपने पैरों पर वज़न लेने में असमर्थ थी और काफी दिनों से लेटी हुई थी, लेकिन वह स्वस्थ मात्रा में भोजन कर रही थी। हालाँकि, समय के साथ उसने अपना खाना कम कर दिया। भोजन की कम खपत के कारण, नीना का मल्टीपल ऑर्गन फेलियर के चलते निधन हो गया।

वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के सह-संस्थापक और सी.ई.ओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “हमारी पशु चिकित्सा टीम ने नीना की देखभाल की और उसे आखिरी क्षण तक सर्वोत्तम चिकित्सा देखभाल प्रदान की। जिस हथनी के लिए हमने सामूहिक रूप से इतनी मेहनत की, उसके निधन की व्याख्या करना बेहद मुश्किल है। नीना हमें देश में उसके जैसे हाथियों को मुक्त कराने की दिशा में काम करते रहने की याद दिलाती रहेंगी।

”वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा, “वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस में, नीना ने कुछ ऐसा अनुभव किया जो उससे जीवन भर दूर रहा, वो है स्वतंत्रता। यहाँ उसको अपनों से अपार प्यार और देखभाल मिली और बदले में उसने हमारे दृढ़ संकल्प को और मज़बूत बनाया।”

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