सूर्योदय भास्कर संवाददाता/आगरा। वाटर बॉक्स चौराहे के हालात इतने खराब हैं कि कुछ पूछिएगा नहीं। हर रोज किसी न किसी मामले को लेकर चौराहा सुर्खियों में रहता है राहगीरों का रास्ता निकलना भी मुश्किल हो जाता है। वाहन की तो बात अलग है अगर पैदल भी निकालना हो तो घंटा इंतजार करना पड़ता है। जबकि हर समय इस चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस मुस्तैद रहती है। लेकिन सब कुछ नजरअंदाज करती रहती है। इस चौराहे पर प्राइवेट वाहन एवं रोडवेज बसों का जमाबड़ा रहता है या फिर यह कहीं की प्राइवेट वाहन और रोडवेज बसों का चौराहे पर कब्जा है और ट्रैफिक पुलिस बेबस बनकर सब कुछ नजरअंदाज करती है। शायद ऐसा लगता है कि ट्रैफिक पुलिस गांधी जी के तीन बंदरों के तर्ज पर चल रही है कि गलत मत देखो गलत मत सुनो और गलत मत कहो कुछ इसी तर्ज पर चलती हुई दिखाई देती है सूत्रों के अनुसार जानकारी में पता चला है कि जब कोई चांदी काट रहा हो तो फिर आंखें तो मजबूरन बंद ही करनी पड़ेगी हां कुछ ऐसा ही चल रहा है क्योंकि दलाल भी वहां हर रोज अपनी रेट पेट में लगे होते हैं जल्द ही उन दलालों का नाम भी खोला जाएगा। एक शक्स ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसे दलाल का नाम जल्द ही बड़े अधिकारियों के सामने रखा जाएगा सब कुछ उसी की साथ गांठ से होता रहता है। अक्सर हर चौराहे पर होमगार्ड धूप में ड्यूटी करते हुए दिखाई देंगे तो फिर सफेद वर्दी में ट्रैफिक सिपाही क्या करते हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा कौन क्या करता है और किसकी ड्यूटी कहां लगी है और किस लिए लगी है। यह तो खुद अधिकारी ही जांच कर बताएंगे अगर वह अमित पाठक की तरह है सादा वर्दी में चौराहे का निरीक्षण करें तो खुद व खुद पता चल जाएगा। उनकी ट्रैफिक व्यवस्था किस प्रकार चल रही है अब देखना होगा की वाटर वर्क्स चौराहे पर वाहनों एवं रोडवेज बसों का जाम कब खत्म होगा। जिससे जाम खत्म हो जाए और राहगीरों को निकालने में कोई परेशानी ना हो।

