■ मानसून के इंतजार में आँखे बिछाए थे लोग
■ नगर की सफाई को लेकर भारी चिंता

यूथ इण्डिया संवाददाता,फर्रुखाबाद। मानसून के इंतजार में आँखे बिछाए पपिहा बने लोगों को उस समय स्वांति का जल जैसा मिल गया जब दोपहर बाद मौसम के अलर्ट के अनुसार कई घंटे तक रुक-रुक बारिश होती रही। गर्मी से तो निजात मिली लेकिन पिछले कइ दशकों से चली आ रही जलभराव की समस्या का जख्म फिर से हरा हो गया। जब नगर की सड़के तालाब में तब्दील दिखाई दीं।

लोगों को गंदे पानी से गुजरकर अपने आशियानों तक पहुँचना पड़ा। बरसात थमने के घंटों बाद तक जलभराव से लोग जूझते रहे। उसम बढ़ती ही जा रही थी। तभी पानी बरसने से जहाँ एक ओर लोगों में राहत और खुशी का माहौल देखने को मिला वहीं जलभराव होने से नगर की सफाई व्यवस्था के प्रति भारी चिंता व्याप्त दिखाई दी। हर वर्ष बरसात में नगर की सड़कों का यही आलम होता है। मुख्य मार्ग से गली मोहल्लों को मिलाने वाली सड़के तालाब का रूप ले जाती हैं। जिनसे गुजरकर लोगों को घरों तक पहुँचना पड़ता है।

यह हालत नगर के किनारे के मोहल्लों के नहीं बल्कि बीचों-बीच स्थित मोहल्लों की भी है। यहाँ तक की नगर विधायक के सेनापत के पीछे स्थित नगर के खड़ाही मोहल्ला सरीखे स्थानों पर भारी जलभराव होता है। यहाँ तक कि पानी घरों में तक घुस जाता है। लोगों को सड़कों के स्थान पर बाजार तक जाने के लिए पास पड़ोसियों की छतों का आसरा करना पड़ता है। इसके साथ ही तलैया मोहल्ला, मदारवाड़ी, भीकमपुरा, इस्माइलगंज, बागकूंचा, छक्का नाजिर कूंचा, इंडस्ट्रिीयल एरिया के पीछे ईरानियों की बस्ती समेत शायद ही नगर का कोई ऐसा मोहल्ला बचा होगा जो कीचढ़ में सरावोर न हो।

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