265000 कर्मचारियों का काम 68000 लोगों से लिया जा रहा, ट्रांसफॉर्मर हुए ओवरलोडेड |
यूथ इंडिया, लखनऊ। बिजली कटौती के कारण हो रहे हंगामे में अब विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के संगठन सामने आए हैं। आरोप है कि कर्मचारियों के आभाव के कारण रखरखाव और प्रबंधन ठीक से नहीं हो पा रहा है। यहां तक कि इसको लेकर अभियंता संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेटर भी लिख दिया है जिसमें कहा है कि मौजूदा समय मानक के हिसाब से 2 लाख 65 हजार कर्मचारी होने चाहिए। जबकि पूरे प्रदेश में सिर्फ 68000 कर्मचारी ही काम कर रहे हैं। ऐसे में एक कर्मचारी पर 4 से 5 लोगों का भार आ रहा है।
साल 2012 की तुलना में कम हुए पद: मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बताया गया है कि मौजूदा समय साल 2012 की तुलना से भी कम कर्मचारी हैं। साल 2012 में पूरे प्रदेश में नियमित कर्मचारियों की संख्या जो कि स्वीकृत थी वह करीब 61403 थी। उस समय प्रदेश सरकार ने 42643 लोगों को नियमित तौर पर नौकरी पर रखा था लेकिन साल 2021 आते-आते यह संख्या 37174 तक पहुंच गई थी। ऐसे में 10 सालों में संख्या बढ़ने की जगह पर 5000 कम हो गई। जबकि इस समय 2 लाख 65 हजार पद होने चाहिए।प्रदेश में फीडर, ट्रांसफॉर्मर, उपकेंद्र और उपभोक्ता की संख्या बड़ी हो गई है, लेकिन कर्मचारियों की संख्या कम हो रही है। यह समस्या गंभीर है और इसे संशोधित करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री को इस मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करने की आवश्यकता है।





