83 हजार करोड़ घटकर 32.88 लाख करोड़ रुपए रह गई

यूथ इंडिया। आरबीआई के निर्देशानुसार, 2000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा के बाद, बाजार में नकदी की आपूर्ति में लगातार कमी आ रही है। आरबीआई ने बताया है कि 2 जून तक, लोगों के पास कुल 83,242 करोड़ रुपए की नकदी थी, जो 32.88 लाख करोड़ रुपए कम हो गई है।

खत्म होने वाले हफ्ते में, बैंक डिपॉजिट बढ़कर 3.26 लाख करोड़ रुपए से 187.02 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 19 मई 2023 को खत्म होने वाले हफ्ते में, बैंक डिपॉजिट की राशि 59,623 करोड़ रुपए से कम होकर 183.74 लाख करोड़ रुपए रह गई थी।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 8 जून को बताया कि 2,000 रुपये के नोटों की करीब 1.8 लाख करोड़ रुपए की मूल्य से वापसी हो चुकी है। इन नोटों का संचार करीब 50% है, उन्होंने बताया।

आरबीआई ने 19 मई को नोट वापस लेने की घोषणा की थी और बताया था कि 31 मार्च तक 2,000 रुपये के नोटों की कुल मूल्य 3.62 लाख करोड़ रुपए था। आरबीआई ने 30 सितंबर तक लोगों को 2000 के नोट बैंकों में बदलने या खाते में जमा करने की सलाह दी है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि इसके बाद भी यह नोट कानूनी मान्यता रखेगा। यह केवल लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए है ताकि वे यह नोट बैंकों को वापस कर सकें।

एक बार में, एक व्यक्ति केवल 20 हजार रुपये के नोटों को बदल सकेगा, लेकिन उन्हें अपने खाते में जमा करने पर कोई सीमा नहीं होगी। बैंक अब 2000 के नोट जारी नहीं करेगा।

2000 रुपये का नोट नवंबर 2016 में बाजार में आया था। इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने का ऐलान किया था। इनकी जगह पर, नए पैटर्न में 500 रुपये का नया नोट और 2000 रुपये का नोट जारी किया गया था। आरबीआई ने 2018-19 से 2000 रुपये के नोटों की मुद्रण बंद कर दी थी।

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