विवाहोत्सव में बज रहे संगीत के कारण नहीं सुन सके ट्रेन की आवाज, भोर होते ही मातम में बदल गयीं शादी की खुशियाँ, पटरियों पर आ गया पूरा गांव

मोहम्मदाबाद (फर्रुखाबाद) बड़े ही चाव और उत्साह से विवाह समारोह में आए हरिओम, ऋतिक और विनीत शायद यह नहीं जानते थे कि जाजपुर बंजारा उनका अन्तिम सफर होगा। पटरियों पर ठंडी हवा खाने को गए एक ही परिवार के तीन बालकों की चीखें विवाह समारोह में बज रहे डीजे के शोर में गुम हो गयीं।

तीनों मृतक बालक

डेढ़ बजे से भोर तक किसी ने भी तीनों की सुधि नहीं ली। उनके शव पटरियों पर पड़े रहे। जाजपुर बंजारा गांव तीन बाराती बालकों की मौत से स्तब्ध है। जनपद मैनपुरी के थाना भोगांव के गांव शाह आलमपुर निवासी उमेश का 13 वर्षीय पुत्र हरिओम, धीरेंद्र कश्यप का 12 वर्षीय पुत्र ऋतिक और देशराज उर्फ पंजाबी का युवावस्था के द्वार पर खड़ा 16 वर्षीय पुत्र विनीत ने एक बजे तक बारात का पूरा आनन्द लिया। रात लगभग 1:20 बजे वे आपस में बात करने घूमते-घूमते कार्यक्रम स्थल से लगभग 50 मीटर दूर सामने स्थित रेल पटरियों पर जाकर बैठ गए। बारात में तेज आवाज में डीजे बज रहा था। कुछ बाराती सो रहे थे, तो कुछ विवाह समारोह में होने वाले कार्यक्रमों को गति दे रहे थे। बारात स्थल पर रोशनी की चकाचौंध और डीजे की तेज आवाज के कारण फर्रुखाबाद से टूंडला की ओर जा रही इज्जत नगर बांद्रा एक्सप्रेस की आवाज तीनों किशोर नहीं सुन सके और ट्रेन तीनों को काटती हुई चली गयी।

जांच करती फॉरेंसिक टीम

ट्रेन यहाँ रुकी नहीं, शायद चालक को पता ही नहीं चला ट्रेन से तीन किशोर कट गये हैं। ट्रेन की चपेट में आए हरिओम का सर कुचल गया व हाथ कट गया। ऋतिक के पैर कट गए और विनीत का कंधा टूट गया व सर में चोट आई। तीनों कितनी देर तड़पे होंगे, कितने देर में प्राणों ने शरीर का साथ छोड़ा होगा किसी को नहीं पता। जानकारी तो सबसे पहले सुबह पांच बजे उन महिलाओं को हुई जो नित्य क्रिया के लिए खेतों की ओर जा रही थीं। महिलाओं ने जब तीनों बालकों के शवों को रेलवे लाइन पर क्षत विक्षिप्त अवस्था में देखा तो उनकी चीख निकल पड़ी। महिलाओं ने गांव में सूचना दी।

घटनास्थल पर मौजूद गांववाले

तीनों के शव रेलवे के पोल संख्या 1300/16 तथा 1301/1 के बीच ट्रैक पर पड़े थे। ट्रेन की चपेट में आने से ऋतिक का शव ट्रैक के दाएं और नीचे पड़ा था तथा हरिओम व विनीत के शव रेलवे ट्रैक पर पड़े थे। धीरे-धीरे ग्रामीण घटनास्थल पर एकत्रित होने लगे। घटना की सूचना रमाकांत शाक्य ने शाहा आलमपुर में दी। सूचना पर मृतक ऋतिक के पिता घटनास्थल पर पहुंचे और तीनों बच्चों की शिनाख्त की। रेलवे में तैनात कर्मचारी पोर्टर नगला मोती निवासी विमल कुमार की फौती सूचना पर क्षेत्राधिकारी अरुण कुमार व प्रभारी निरीक्षक अमरपाल सिंह ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की तथा फॉरेंसिक टीम ने फोटोग्राफ लिए।
परिवारी जनों के पोस्टमार्टम ना कराए जाने के लिखित प्रार्थना पत्र पर उपनिरीक्षक मोहित मिश्रा ने तीनों शवों का पंचनामा भर स्वजनों के सुपुर्द कर दिया। बताते चले कि टूंडला फर्रुखाबाद रेलवे लाइन पर नीमकरोरी रेलवे स्टेशन से लगभग 1.30 किलोमीटर आगे रेलवे लाइन के किनारे जाजपुर बंजारा गांव बसा हुआ है। 17 जून शनिवार को जाजपुर बंजारा निवासी रमाकांत शाक्य की पुत्री पूजा की बारात आयी थी। जनपद मैनपुरी के थाना भोगांव के गांव शाहा आलमपुर निवासी मुकेश अपने पुत्र गुलशन की बारात लेकर रात लगभग 12:00 बजे जाजपुर बंजारा गांव पहुंचे थे।

हरिओम व विनीत थे चचेरे भाई, ऋतिक था घर का इकलौता चिराग
मोहम्मदाबाद तीनों मृतक एक ही परिवार के थे। हरिओम व विनीत चचेरे भाई थे, जबकि ऋतिक अपने घर में दो बहनों प्राची व अंशिका के बीच इकलौता चिराग था। ऋतिक सबसे बड़ा था और कक्षा पांच का छात्र था। मृतक ऋतिक के पिता धीरेंद्र ने बताया कि बेटा ऋतिक मना करने के बावजूद जिद करके बारात आया था। अगर मैं उसे जाने नहीं देता तो शायद यह दिन देखना नहीं पड़ता। ऋतिक मेरा इकलौता पुत्र था। हरिओम के पिता उमेश तथा विनीत के पिता देशराज उर्फ पंजाबी सगे भाई हैं। मृतक विनीत चार भाई-बहनों में छोटा था। बड़ा भाई चंदन तथा दो बहने संगीता व रागिनी हैं। मृतक विनीत कक्षा 10 का छात्र था। मृतक हरिओम तीन भाई बहनों में छोटा था। बड़ा भाई राहुल व बहन साधना है। तीनों बच्चों के पिता मेहनत मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण करते हैं। ऋतिक की मां विनीता, विनीत की मां रेखा तथा हरिओम की मां सुधा का रो रो कर बुरा हाल है। परिवार के करुण क्रन्दन सुनकर लोगों के दिल दहल रहे थे। शादी की खुशियाँ काफूर हो गयी थीं। बारातियों के चेहरों पर आँसू थे।

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