अब गुंडे तो दूर राजनीतिक दल भी उद्यमियों से नहीं मांगते चंदा

यूथ इंडिया। शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 102 उद्यमी मित्रों को नियुक्ति पत्र और उद्यमियों को 232 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि के चेक वितरित किए। इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि अब किसी उद्यमी से वसूली के लिए कोई गुंडा तो दूर कोई राजनीतिक दल भी चुनावी चंदा मांगने के लिए फोन नहीं करता। यही नए उत्तर प्रदेश की पहचान है। बेहतर कानून-व्यवस्था और सुशासन के चलते उद्यमी यहां तेजी से निवेश कर रहे हैं।

लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में योगी ने कहा कि उद्यमी अपना उद्योग लगाने के साथ-साथ किसी शिक्षण संस्थान को गोद जरूर लें और विद्यार्थियों को कौशल विकास की ट्रेनिंग दें। समाज के हित में भी काम करें। अगर ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमी हेल्थ एटीएम लगाएं तो बड़े शहरों के अस्पतालों से भीड़ कम होगी। क्योंकि इसके माध्यम से 50 तरह की जांचों के साथ ही टेली कंसल्टेंसी के माध्यम से उपचार की भी सुविधा मिलेगी।

उन्होंने कहा कि अच्छा काम करने वाले उद्यमी मित्रों को सरकारी नौकरियों में वेटेज मिलेगा। उन्हें उम्र में छूट भी दी जाएगी। दुनिया और देश के प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थानों से एमबीए की पढ़ाई कर आए यह उद्यमी मित्र अपनी क्षमता को प्रदेश हित में लगाएं। अब हर महीने मंडलायुक्त और जिला प्रशासनिक महकमे के साथ उद्यमियों की बैठक होगी। इस बैठक में उद्यमी मित्र भी बैठेंगे और उद्यमियों की समस्याओं का प्राथमिकता पर समाधान कराएंगे। बिजनेस करने की प्रक्रिया सिर्फ एक वाक्य नहीं रह जाएगी, इसे अच्छे ढंग से धरातल पर उतारने से ही प्रदेश विकास की सीढ़ियां चढ़ेगा। योगी ने कहा कि अब तक औद्योगिक विकास नीति के तहत उद्यमियों को 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक की प्रोत्साहन राशि वितरित की जा चुकी है।

कार्यक्रम में औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 33.50 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए थे। अब यह बढ़कर 36 लाख करोड़ के हो गए हैं। जल्दी ही 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी आयोजित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि सपा और बसपा की सरकार में पहले नौकरियों के लिए लोग खेत गिरवी रखते थे। नौकरियों के लिए बोलियां लगती थीं। अब भर्तियों में पारदर्शिता बढ़ी है। बिना किसी भेदभाव के युवाओं को नौकरियां दी जा रही हैं।

कार्यक्रम में औद्योगिक विकास राज्य मंत्री जसवंत सैनी, औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास नरेंद्र भूषण, और मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी और अरविंद कुमार भी मौजूद रहे।

औद्योगिक विकास नीति और खाद्य प्रसंस्करण नीति के तहत यूपी में निवेश करने वाले कुल 23 उद्यमियों को 232 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि के चेक वितरित किए गए। इसमें अनिल कुमार, जय कुमार आहूजा, विनय मित्तल, मुकेश महेश्वरी, अनिल शर्मा, अशोक गोयल, मुकेश शर्मा, अशोक महेश्वरी, संदीप सिंगला, राहुल सिंघल, अरुण मित्तल, नीरज कुमार, विवेक मित्तल, अनिल मित्तल, सुरेश शर्मा, जय कुमार सिंघल, संजीव मित्तल, विपिन सिंगला, अशोक महावियाल, रामेश्वर सिंघला, जगदीश नागर, नागेंद्र अग्रवाल और नागेश मित्तल शामिल हैं। ये उद्यमी खाद्य प्रसंस्करण, इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल्स, जूट बनाने और कागज की उत्पादन के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं।

उद्यमियों ने इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों से उन्हें विश्वसनीयता मिली है और उन्हें पूरा विश्वास है कि उनका उद्यम इस प्रदेश को और आगे बढ़ाएगा। इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने किया और संबोधित होते हुए नवाचार और नीतियों के लिए उद्यमियों की सराहना करते हुए कहा कि ये सब उद्यमियों के प्रति सरकार की विशेष संवेदनशीलता का प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं का मुख्य उद्देश्य युवाओं को रोजगार प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को भारत की आर्थिक व सामरिक ताकत बनाने के लिए युवाओं को सशक्त करना हमारा मकसद है। इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने की जरूरत है और इस कार्यक्रम के माध्यम से हम उद्यमियों को आवश्यक सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं।

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