द्वारका/राजकोट/कच्छ: गुजरात में तूफान बिपरजॉय कच्छ के तट से 15 जून की रात को टकराया। इसके बावजूद, प्रभावित क्षेत्रों में 36 घंटे बाद भी भारी बारिश जारी है। उत्तरी गुजरात, सौराष्ट्र-कच्छ में तेज बारिश हो रही है। पालनपुर, थराद, पाटण, बनासकांठा और अंबाजी जिलों में बाढ़ के हालात पैदा हो चुके हैं।

तूफान के कारण पाटण में स्थित गुजरात का सबसे बड़ा चारणका सोलर प्लांट को भारी नुकसान पहुंचा है। दो दिनों से बारिश के कारण प्लांट में पानी भर गया है और तेज हवाओं के कारण सोलर पैनल झुक गए हैं। पाटण के कई गांवों का संपर्क नदियों में बाढ़ के कारण टूट गया है।
बनासकांठा जिले में कल रात से बारिश के बाद बनास नदी का पानी आबू रोड तक पहुंच गया है। पालनपुर-अंबाजी हाईवे को बंद कर दिया गया है और कई गांवों में बाढ़ की स्थिति है। पालनपुर शहर में भी कई क्षेत्रों में पानी में डूब गए हैं। बाढ़ के कारण अंबाजी के शक्तिपीठ पर राजस्थान और गुजरात से आने वाले श्रद्धालुओं को वापस लौटाया जा रहा है।

नदी में तब्दील हुआ पालनपुर-अंबाजी हाइवे

थराद शहर में 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है। इसके कारण बहुत से घरों, दुकानों के शेड्स और होर्डिंग्स नष्ट हो गए हैं। कई इलाकों में बिजली के खम्भे और पेड़ गिर गए हैं। शहर के अधिकांश क्षेत्रों में पानी भर गया है।

होम मिनिस्टर शाह ने कच्छ का हवाई सर्वे किया
तूफान से हुए नुकसान और राहत-बचाव का जायजा लेने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने कच्छ का हवाई निरीक्षण किया। उनके साथ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी थे। पटेल ने शुक्रवार शाम को कहा था कि हम एक बड़ी आपदा से लड़ने में सक्षम रहे। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों ने तूफान से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किया और उसमे सफलता भी हांसिल की।

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