■ कच्छ में एक हजार से अधिक पेड़ धराशाही, सड़कें जलमग्न, बिजली के सैकड़ों पोल गिरे, 940 गांव अंधेरे में

अहमदाबाद। बिपरजॉय चक्रवाती तूफान के कच्छ जिले की मांडवी तहसील के जखौ बंदरगाह के समीप टकरा गया। गुरुवार देर रात तक इसका असर समूचे कच्छ, द्वारका और जामनगर जिले में रहा। चक्रवात में लैंडफॉल की प्रक्रिया रात साढ़े 12 बजे तक चली। इस दौरान जल, थल और नभ में बवंडर मचा रहा। तेज हवाओं के साथ बारिश ने कहर बरपाया। राहत कमिश्नर आलोक पांडेय के अनुसार कच्छ में महज 2 घंटे में 78 मिलीमीटर यानी 4 इंच बारिश हुई है जिस कारण कच्छ का रेगिस्तान तालाब में तब्दील हो गया।

ये कोई नदी या तालाब नहीं बल्कि कच्छ का रेगिस्तान है

कच्छ-सौराष्ट्र के जिलों में एक हजार से अधिक पेड़ धराशायी हुए हैं। द्वारका में 73 पेड़ गिरे हैं। अभी तक 22 लोगों के घायल होने की सूचना है। तूफान अब दक्षिण राजस्थान से आगे बढ़ चुका है। कच्छ के मांडवी, नलिया, नारायण सरोवर, जखौ बंदरगाह, मुंद्रा और गांधीधाम समेत क्षेत्रों में बिपरजॉय ने कहर बपराया। मांडवी में पिछले 18 घंटे से बिजली कटी हुई है। चक्रवात के कारण हवा की गति 80 से 125 किलोमीटर प्रति घंटे दर्ज की गई। आईएमडी के अनुसार चक्रवात के कारण पैदा हुए खतरे की वजह से समुद्री तटों से 94 हजार लोगों को हटाया गया, इससे जान-माल की हानि होने से बच गई। इसके अलावा 15 जहाज, 7 एयरक्रॉफ्ट और एनडीआरएफ की टीम तैनात रहीं।

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