देर रात लगी आग, भयानक हादसे से आम जनमानस में दुःख की लहर |
यूथ इंडिया। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है। रामकोला कस्बे में एक झोपड़ी में आग लगने के कारण एक ही परिवार के छह लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में मां और पांच बच्चों की जलने से तड़प तड़प कर मृत्यु हो गई। सभी मृत बच्चों की आयु एक से 10 वर्ष के बीच थी। वे सभी सो रहे थे जब आग लगी। प्रशासनिक अधिकारियों को इस आग की जानकारी मिली तो वे तत्परता के साथ मौके पर पहुंचे और राहत कार्यों में जुट गए, लेकिन यह दुःखद सत्य है कि तब तक सभी मृत्यु को प्राप्त कर चुके थे। उपनगरियला पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल ने बताया कि घटना की जांच प्रारंभ कर दी गई है। जहां तक आग लगने के कारणों की बात है, उसका पता अभी तक लगाना संभव नहीं हुआ है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में पति सुरक्षित है, उन्होंने बचने के लिए भाग लिया।


रामकोला के वार्ड संख्या दो में नवमी प्रसाद, जो रात 10 बजे भोजन करने के बाद अपनी पत्नी और बच्चों के साथ झोपड़ी में सो रहे थे, को कहाँ पता था कि उनके साथ इतना खौफनाक मंज़र घटने वाला है। इस वार्ड के लोगों के अनुसार, लगभग एक बजे के करीब, एक तेज आवाज सुनाई दी, जिसके बाद नवमी की झोपड़ी आग से जल रही थी। पुलिस और अग्निशमन कर्मी तुरंत पहुंचे और आग में फंसे नवमी की पत्नी संगीता (38), उनके पुत्र अंकित (10), पुत्री लक्ष्मीना (09), रीता (03), गीता (02) और बाबू (01) को बाहर निकाला। इन्हें एंबुलेंस से चिकित्सालय ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया। लोगों ने बताया कि आग इतनी तेजी से फैल गई कि जो लोग झोपड़ी में सो रहे थे, उन्हें बाहर निकलने का समय ही नहीं मिला।
नवमी के पिता सरजू अपनी पड़ोस में स्थित झोपड़ी में सो रहे थे। जब आग लगी तो उन्होंने लोगों को इसकी जानकारी दी। पांच पोते-पोतियों की मौत से सरजू अपार दुःख में हैं। स्थानीय लोग उन्हें सांत्वना देने में लगे हुए हैं। लोग अफसोस जताते हुए कह रहे हैं कि नवमी का पूरा परिवार सचमुच नष्ट हो गया है। नवमी मजदूरी से परिवार का पालन पोषण करता था।
यह घटना रामकोला पुलिस थाना क्षेत्र में हुई है और लोगों के अनुसार यह घटना लगभग आधी रात की है। एक ही परिवार के छह लोगों की मौत ने पूरे इलाके को हिला दिया है। उनके अपनों की चीख-पुकार से पूरा मोहल्ला गूंज उठा। मौके पर भारी भीड़ जुट गई है। हर किसी के मुंह से एक ही बात निकल रही है कि भगवान किसी को ऐसा दुःख न दिखाए।