लखनऊ,(पंकज सचान): देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस एक बार फिर देश की राजनीति की मुख्य धारा में जोरदार वापसी करने के लिए तैयार है। असल में कर्नाटक
चुनाव में उम्मीदों से अधिक की जीत का स्वाद चख चुकी पार्टी की निगाहें अब दिल्ली की गद्दी पर टिकी हैं। भारतीय जनता पार्टी में जब से मोदी युग शुरू हुआ था या ये कहा जाए कि जब से नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने हैं तब से कांग्रेस पार्टी काफी कमजोर हुयी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेसमुक्त भारत का नारा भी बुलंद किया था। जाहिर सी बात है कि भाजपा को सत्ता में वापसी कराने वाले और देश के लोगों में जननायक की छवि रखने वाले प्रधानमंत्री मोदी की अपील का पूरा असर हुआ और कांग्रेस राजनीतिक रूप से हाशिये पर जाती दिखने लगी।

दूसरी ओर पिछले नौ सालों में कांग्रेस ने फिर से जमीनी स्तर पर मेहनत की और पार्टी को अब इसका फायदा भी मिल रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पद यात्रा ने कांग्रेस में नयी जान फूंकी। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। हाल ही में हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में मिली ऐतिहासिक जीत से कांग्रेस पार्टी में फिर से जोश वापस आ गया है। अब कांग्रेस पार्टी की नजर कई राज्यों में होने वाले विधान सभा चुनाव के साथ-साथ अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पर है। मौजूदा समय में वैसे तो कांग्रेस की निगाह जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं उन सब पर है पर पार्टी की जोर राजस्थान, मध्य प्रदेश और छतीसगढ़ पर अधिक है। इसका कारण यह है कि कांग्रेस किसी तरह सर सचिन पायलट को मना कर उनको एडजस्ट कर अशोक गहलौत की कांग्रेसी सरकार की दोबारा वापसी चाहती है। यहां कांग्रेस के लिए राजनीतिक सुविधा यह है कि अगर वो सचिन पायलट को लेकर दुविधा में है तो भारतीय जनता पार्टी भी वसुन्धरा राजे सिंधिया को लेकर कम दुविधा में नहीं है।
बात मध्य प्रदेश की जाए तो वहां तो कांग्रेस यह मान कर ही चल रही है कि यहां तो उसी की सरकार थी ही यह बात अलग है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुवाई में यहां उसकी सरकार को गिरा कर भाजपा ने अपनी सरकार बना ली थी। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को यह यकीन है कि वहां भूपेश बघेल अंदरूनी विवाद के बाद भी अपनी राजनीतिक पकड़ और अपने काम के दम पर अपनी सरकार की वापसी करा ले जायेंगे।

इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर कांग्रेस में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। पार्टी के अंदर चली आ रही रार को खत्म कर पूरी तैयारी के साथ पार्टी लोकसभा चुनाव में उतरना चाहती है। कांग्रेस से जुड़े सूत्र बता रहे हैं कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी की शीर्ष समिति कांग्रेस वर्किंग कमेटी में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। इतना ही नहीं राज्यों के कई प्रदेश अध्यक्षों को बदला जायेगा। वहीं प्रियंका गांधी इस बार नये रोल में नजर आयेगी। बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी को यूपी से हटाकर पूरे देश में उनको सक्रिय किया जायेगा। प्रियंका गांधी अब कांग्रेस में नई जान फूंक रही है। कांग्रेस चाहती है लोकसभा चुनाव में वो पूरी तरह से पार्टी का जोरदार प्रचार करे।
2023 में राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव और पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव भी होने हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी की कोशिश है वो राज्यों के चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करे। इसके लिए वो चाहती है कि प्रियंका गांधी को बड़ी जिम्मेदारी दी जाये। वहीं तमिलनाडु, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र और झारखंड में नये प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की जा सकती है। वहीं राजस्थान में फिर से सरकार बनाने के लिए कांग्रेस नई रणनीति पर काम कर रही है। गहलोत और पायलट में दोस्ती कराई ताकि चुनाव में फिर से जीत हासिल की जाये।

प्रियंका गांधी को लेकर कांग्रेस की जो रणनीति है उसकी एक बानगी हाल ही में मध्य प्रदेश में ही देखने को मिल चुकी है। मध्य प्रदेश के जबलपुर से कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव प्रचार का शंखनाद करते हुए उन्होंने सबसे पहले कर्नाटक में कांग्रेस की ओर से दी गई पांच गारंटी पर पूरा जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने इस बात की भी गारंटी दी कि यह उनकी गारंटी है कि ये गारंटियां हर हाल में कर्नाटक की तरह मध्य प्रदेश में भी लागू होंगी। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में गए राहुल गांधी ने मंच से ही वादा की गई गारंटियों को कानून बना देने का ऐलान किया था।


प्रियंका गांधी ने मध्य प्रदेश के मतदाताओं से वादा किया कि उनकी सरकार बनने पर गृहलक्ष्मी योजना के तहत घर की महिला प्रमुख को 2000 रुपये दिए जायेंगे। गृह ज्योति योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों को 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त में दी जायेगी। अन्न भाग्य योजना में बीपीएल परिवार को 10 किलोग्राम चावल फ्री में दिया जाएगा। शक्ति योजना को लागू करते हुये महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा दी जायेगी। युवा निधि के तहत बेरोजगार ग्रेजुएट को दो साल तक 3,000 रुपये प्रति महीना और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों को 1,500 रुपये प्रति महीना दिया जाएगा। चुनाव प्रचार की ओर धार देते हुए प्रियंका ने कहा कि वो यहां वोट मांगने नहीं बल्कि आप लोगों को जगाने के लिए आई हैं।

चुनावी सभा थी तो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पर आरोप लगाना जरूरी थे तो उन्होंने शिवराज सिंह सरकार पर भ्रष्टाचार समेत कई आरोप भी लगा डाले। इन सब बातों से अलग अपने आप को राष्ट्रीय स्टार पर स्थापित करने की जद्दोजहद में जुटी प्रियंका गांधी को चुनाव प्रचार का दमदार चेहरा बनाना चाहती है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि प्रियंका का भाषण देने का अंदाज और उनकी बातें कहीं न कहीं मतदाताओं को प्रभावित तो करती ही हैं। कांग्रेस इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर प्रियंका को चुनावी प्रचार में उतार कर उनके कद को बढ़ाने के लिए उनको पार्टी में नयी जिम्मेदारी देने का मन बना चुकी है।

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