यूथ इंडिया, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वीडियो संबोधन में बताया कि विकास सभी की साझी जिम्मेदारी है और भारत विश्व के विकास में मदद करने के लिए तत्पर है। उन्होंने पर्यावरण के महत्व पर भी जोर दिया और नदियों और पेड़-पौधों को सम्मान जताया। विकास वैश्विक दक्षिण के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, और वैश्विक कोविड महामारी और भू-राजनीतिक तनाव ने इसे और भी मुश्किल बना दिया है। इस परिस्थिति में लिए गए निर्णयों का महत्व और बढ़ गया है।

विकास मंत्रियों की बैठक वाराणसी के हस्तकला संकुल में एस जयशंकर के अध्यक्षता में आयोजित की गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि वाराणसी लोकतंत्र की जननी है और यह सबसे पुराना जीवित शहर है, इसलिए यह विकास मंत्रियों की बैठक के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि काशी द्वारा सदियों से ज्ञान, चर्चा, संस्कृति और अध्यात्म की महत्वपूर्ण केंद्रशहरी भूमिका निभाई गई है। उन्होंने 100 से अधिक आकांक्षी जिलों में लोगों के जीवन को सुधारने के लिए प्रयास किए हैं, जहां अल्प-विकास क्षेत्रों की समस्याओं से निपटने का काम हुआ है। डिजिटलीकरण ने क्रांतिकारी परिवर्तन लाया है। प्रौद्योगिकी को एक उपकरण के रूप में उपयोग किया जा रहा है ताकि लोग सशक्त हो सकें, डेटा को सुलभ बनाया जा सके और समावेशिता सुनिश्चित की जा सके। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत महिलाओं के सशक्तिकरण तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास तक फैला हुआ है। महिलाएं विकास की योजनाओं को निर्धारित कर रही हैं और वे विकास और परिवर्तन की संचालक भी हैं। प्रधानमंत्री ने महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के लिए गेम-चेंजिंग एक्शन प्लान को अपनाने की अपील की।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि काशी शहर भारत की कालातीत परंपराओं से प्रेरित है और उन्हें आशा है कि अधिकांश समय मीटिंग रूम में नहीं बिताएंगे। उन्होंने काशी की आत्मा को बाहर निकलने, खोजने और अनुभव करने की प्रेरणा दी है। यह कहने का कारण सिर्फ यह नहीं है कि काशी मेरे चुनाव क्षेत्र में आता है, बल्कि मुझे विश्वास है कि गंगा आरती और सारनाथ की यात्रा का अनुभव बिल्कुल अलग और अद्वितीय होगा। मैं आपके विचार-विमर्श में सफलता की कामना करता हूं ताकि आप एजेंडा 2030 को बढ़ावा देने और वैश्विक दक्षिण की मांगों को पूरा करने में सफल हों।

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