चार वर्ष पूर्व चोरी हुई बाइक को बरामद कर मालखाने जमा करने जा रहे दरोगा की वायरल वीडियो को राजनैतिक मुद्दा बनाने की कोशिश |
यूथ इण्डिया,कमालगंज/फर्रुखाबाद। चार वर्ष पूर्व चोरी हुई बाइक को कमालगंज पुलिस ने आरपी डिग्री कालेज के पास से बरामद कर लिया। जिसे मालखाने जमा करने जा रहे दरोगा और पुलिस की स्थानीय लोगों द्वारा बनाई गई वीडियो को वायरल कर उसे राजनैतिक रंग देने की कोशिशें शुरू हो गई। कन्नौज की घटना के बाद एक बार फिर पुलिस को बदनाम करने की मुहिम के चलते राजनैतिक घडे जुट गये। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल और हवा देने का काम कर दिया।
वर्ष 2019 में 10 जून को थाना मेरापुर के गांव मदायन निवासी राघवेन्द्र सिंह पुत्र प्रेमपाल ने पुलिस को तहरीर देकर अपनी गुम हुई प्लेटिना बाइक की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उस दौरान बाइक नही मिली थी। लेकिन मुकदमें की समीक्षा लगातार चलती रही। पुराने मुकदमों के निस्पादन के मुहिम में जुटे अधीक्षक पुलिस अशोक कुमार मीणा के निर्देशन में खाकी अभियान चलाकर काम कर रही है।
इसी क्रम में पुलिस को बीते तीन जून को कमालगंज स्थित आरपी डिग्री कालेज के पास चोरी हुई बाइक बरामद हो गई। पुलिस बल के साथ दरोगा कैलाश बाबू ने बाइक को बरामद कर मालखाने में जमा करने की तैयारी की। जिसका वीडियो बना स्थानीय लोगों ने भी पुलिस के इस गुडवर्क की सराहना की। सोशल मीडिया पर बायरल हुए वीडियो से जब बाइक मालिक राघवेन्द्र सिंह को जानकारी हुई तो उन्होंने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर बाइक दिलाने की मांग की। जिस पर पुलिस ने कहा कि न्यायालय से आदेश कराने के बाद ही बाइक मिल पायेगी।
सोशल मीडिया पर कुछ शरारती तत्वों ने बाइक बरामदगी के मामले को ही पलट दिया और आरोप लगा दिया कि चोरी की बाइक पुलिस चला रही थी। जिसे सपा सुप्रीमो एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी भुनाने का मौका हाथ से जाने नहीं दिया और अपनी पोस्ट योगी सरकार पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर डाल दी। हांलाकि जैसे ही इस मामले की उच्चाधिकारियों को भनक लगी तो अपर पुलिस अधीक्षक डा० संजय सिंह ने मीडिया को हकीकत बताई। जिले की पुलिस इन दिनों मुहिम चलाकर अपराधियों पर नकेल कस रही है। जिनमें दुर्भाग्य से ज्यादातर सपा से जुड़े लोग है जिस कारण सपा हाई कमान नाराज है।

