जनता की हिफाजत कर समाज को भयमुक्त बनाने वाली मित्र पुलिस से अमानवीय व्यवहार करने वाले दबंग सांसद का चेहरा बेनकाब, झूठ का पुलिन्दा आया सामने, एसपी पर जड़े थे सांसद ने झूठे आरोप |
शरद कटियार-यूथ इण्डिया। कन्नौज की मण्डी चौकी में बीते दिनों अपने समर्थकों के साथ हैवानियत कर मारपीट करने के आरोप में दर्ज हुए खुद पर मुकदमे के बाद सांसद सुब्रत पाठक के झूठ का पुलिन्दा वायरल हुए वीडियो ने खोल दिया, जिसमें सांसद ने अपनी गुण्डई पर पर्दा डालते हुए कन्नौज जिले के ईमानदार पुलिस अधीक्षक पर झूठे आरोप लगाए थे।
बीती 2 जून को कन्नौज के सांसद सुब्रत पाठक ने अपहरण के आरोपी अपने दो साथियों को छुड़ाने के लिए अपने पद की मर्यादा को तार-तार करते हुए ठीक वैसी ही गुण्डई मण्डी चौकी पर पहुंचकर की थी, जैसी वह अपनी राजनीति के शुरुआती दौर में करत थे । वह यह भूल गए थे कि अब धोखे से ही सही लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव को हराने के बाद लोकतंत्र के सबसे बड़े मन्दिर के सदस्य हैं।
मण्डी चौकी इंचार्ज हाकिम सिंह व अन्य पुलिस कर्मियों संग 2 जून को मारपीट कर उन्हें जिन्दा फूँक देने की धमकी देने के मामले में सांसद और समर्थकों पर पुलिस ने मुकदमा लिखा था। हालांकि निष्पक्ष जांच के लिए जोन के अपर पुलिस महानिदेशक आलोक सिंह ने विवेचना कन्नौज से हटाकर कानपुर देहात पुलिस को सौंप एसआईटी का गठन कन्नौज के डीएम-एसपी की रिपोर्ट के बाद कर दिया था।
शनिवार को वायरल हुए वीडियो में सांसद चौकी इंचार्ज हाकिम सिंह को थप्पड़ों से पीट रहे हैं। जबकि मुकदमा लिखने के दिन सांसद ने कन्नौज में प्रेस कान्फ्रेंस बुलाकर पुलिस अधीक्षक कुंवर अनुपम सिंह पर गम्भीर आरोप लगाए थे और यह भी कहा था कि वह मौके पर गए ही नहीं। आरोप था कि पुलिस अधीक्षक बसपा मानसिकता के हैं, जबकि हकीकत में सांसद और उनके समर्थकों ने बीते नगर निकाय चुनाव में अपनी ही पार्टी को हरवाने और बसपा प्रत्याशी को जिताने के लिए एड़ी-चोटी के जोर लगाए थे।
इससे पूर्व विधानसभा के चुनाव में भी सुब्रत पाठक ने सदर सीट पर अपनी ही पार्टी को हरवाने में कसर बकाया नहीं छोड़ी थी। इसके अलावा छिबरामऊ में भी समर्थकों ने पूर्व मंत्री अर्चना पाण्डेय को नीचा दिखाने में एड़ी-चोटी के जोर लगाए थे। वह अलग बात है कि कन्नौज में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दौरा नया गुल खिला गया। इसके बाद पार्टी की प्रतिष्ठा और उत्थान में चार चाँद लगाने के लिए कन्नौज से मंत्री बनाए गए पूर्व आईपीएस असीम अरुण की निष्पक्ष कार्यशैली भाजपा के खूब काम आयी और लगातार भाजपा का ग्राफ स्थिर ही नहीं रहा और दिनों-दिन ऊपर की तरफ बढ़ता गया। राज्य में बीजेपी की सरकार आने के बाद योगी 1.0 के दौर के बाद सांसद सुब्रत पाठक के समर्थकों ने कन्नौज में खुलकर भूमाफियागीरी की। भोले-भाले लोगों के खिलाफ झूठे मुकदमे लिखाए। बड़ी मुश्किल में योगी 2.0 में जब सुब्रत पाठक के सामने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने असीम अरुण जैसे चेहरे को पॉवर सौंप दी, तो सांसद गुंडाराज दिनों-दिन घटने लगा। लेकिन 2 जून की घटना ने पुलिस ही सुब्रत की दबंगई का शिकार बन गयी। खाकी संग मारपीट कर सांसद सुब्रत पाठक ने अपने ही मुख्यमंत्री के वायदों पर पानी फेर दिया । कानून व्यवस्था को न केवल तार-तार किया, बल्कि संसद की मर्यादा को भी धूमिल करने का कुत्सित प्रयास किया।

