जज महेन्द्र सिंह का इंसाफ, सजा के साथ अर्थदण्ड भी ठोंका

फर्रुखाबाद,यूथ इण्डिया संवाददाता। हत्या के मामले में न्यायालय ने एक अभियुक्त को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व दस हजार रुपये का जुर्माने से दण्डित किया। वहीं आर्म्स एक्ट में दो वर्ष का कारावास व पाँच हजार रुपये का अर्थदण्ड लगाया।
वादी मुकदमा बेंचे लाल पुत्र छत्तरपाल निवासी दारापुर ने दर्शाया था कि उसके बेटे तौला उर्फ विवेक निवासी का विवाह 2004 में गाँव बरझाला निवासी नन्ने भुर्जी की बहन कमला संग हुआ था। बारात में भी जेवर कम लाने का बहाना बनाकर मारपीट की गई थी। बाद में पुलिस ने विवाह कराया था। बहू कमला तम्बाकू की गोदाम में काम करती थी वह ससुराल में नहीं रुकी। इस बात को लेकर विवेक का साला नन्ने पुत्र होते लाल भुर्जी व उसका बहनोई देशराज मेरे घर पर आए ओर मेरे पुत्र तौला उर्फ विवेक को सोते समय गोली मार दी। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी थी। थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। विवेचना के बाद आरोप पत्र दाखिल हुआ। न्यायालय ने गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर घटना में नन्ने पुत्र होते लाल को हत्या एवं नाजायज असलहा रखने के आरोप में दोष सिद्ध करार दिया। इसके साथ ही अभियुक्त देशराज को दोनों ही मामलों में बरी कर दिया।
दोष सिद्ध अभियुक्त नन्ने को विशेष न्यायाधीश एससी एसटी अपर जिला व सत्र न्यायाधीश द्वितीय महेन्द्र सिंह ने हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई व जुर्माना लगाया।

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