पुलिस लगातार कर रही शूटर विजय यादव से पूंछताछ, .357 बोर का असलहा बरामद

यूथ इंडिया,लखनऊ। शूटर विजय यादव से पुलिस टीम द्वारा की जा रही जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। सूत्रों के अनुसार, विजय को 20 लाख रुपये देकर इस हत्याकांड को करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था। हालांकि, पुलिस अभी तक इसे सत्यापित करने में सफल नहीं हुई है कि जीवा की हत्या के लिए विजय से किसने संपर्क किया था।

सूत्रों के मुताबिक, इस घटना में विजय के साथ अन्य लोग भी शामिल हैं। एक चेक रिपब्लिक बनी .357 बोर की मैग्नम अल्फा रिवॉल्वर भी बरामद की गई है। यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि असलहा किसने प्रदान कराया। जांच के दौरान विजय बहुत सारे प्रश्नों के उत्तर नहीं दे पाए और उन्होंने जो जवाब दिए वे पुलिस को भ्रमित करने वाले थे।

जीवा की हत्या के दूसरे ही दिन विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने मुख्तार अंसारी के शूटर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की अदालत में गोली मारकर हत्या घटनास्थल पर पहुंचकर साक्ष्य इकट्ठा किया। टीम में एडीजी टेक्निकल मोहित अग्रवाल, जेसीपी अपराध नीलाब्जा चौधरी और आईजी रेंज आगरा प्रवीण कुमार शामिल थे, 50 लोगों के बयान लिए गए। उन्होंने वकीलों से भी बातचीत की। साथ ही, एसआइटी ने जीवा की सुरक्षा के लिए आने वाले 10 पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए हैं, जिसमें दो दारोगा, चार मुख्य आरक्षी और चार आरक्षी शामिल हैं।

वकीलों की पिटाई के बाद घायल हत्यारोपित विजय यादव को केजीएमयू के ट्रामा सेंटर से रात में डिस्चार्ज करके गोसाईगंज जेल में भेजा गया। सीजेएम ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बुधवार को कोर्ट के गेट नंबर पांच, सात और आठ पर तैनात रहे मुख्य आरक्षी सुनील दुबे, मोहम्मद खालिक, अनिल सिंह, सुनील श्रीवास्तव, महिला आरक्षी निधि देवी और आरक्षी धर्मेंद्र पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने प्रवेश द्वार पर चेकिंग नहीं की। इसके कारण आरोपित कोर्ट में दाखिल हो सका।

जीवा की हत्या की साजिश कई दिनों से चल रही थी। शूटर विजय यादव ने पिछले पेशी के दिन भी 5 जून को कोर्ट में जाने का प्रयास किया था। विजय ने उस दिन भी रेकी की, लेकिन वह सफल नहीं हो सका। पहले भी जीवा 3 जून को पेशी के दिन कोर्ट में आया था, लेकिन विजय कोर्ट में मौजूद था। बुधवार को जीवा बिना बुलेटप्रूफ जैकेट के पहुंचा था। यह देखकर विजय सीधे एसीबी सीटी कोर्ट में चला गया और जब जीवा अंदर आया, तो विजय ने उसपर गोलियां बरसा दीं।

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