देशभर में पेपरट्रेल और ईवीएम मशीनों की जांच शुरू

यूथ इंडिया,नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने घोषणा की है कि आगामी साल लोकसभा चुनाव और इस साल के अंत तक होने वाले पांच विधानसभा चुनावों से पहले देशभर में चरणबद्ध तरीके से ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) और पेपरट्रेल मशीन की ‘प्राथमिक स्तर की जांच’ शुरू की है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्तर के निरीक्षण में ‘मॉक’ मतदान शामिल होगा।

निर्वाचन आयोग के अधिकारी ने बताया कि यह पूरे भारत में लागू होने वाला नियम है। देशभर में चरणबद्ध तरीके से एफएलसी (प्राथमिक स्तर का निरीक्षण) कराया जाएगा, जिसमें केरल की सभी लोकसभा सीटें भी शामिल होंगी। वायनाड लोकसभा क्षेत्र में चल रहे ‘मॉक’ मतदान पर एक सवाल का जवाब दिया जा रहा था।

राहुल गांधी, कांग्रेस नेता, जो इस लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, को ‘मोदी’ उपनाम से संबंधित टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराया गया था और उन्हें सदस्यता से वंचित कर दिया गया था। वर्तमान में वायनाड, पुणे और चंद्रपुर (महाराष्ट्र), गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) और अंबाला (हरियाणा) लोकसभा सीटें खाली हैं।

अधिकारी ने बताया कि निर्वाचन आयोग इस तरह के अभ्यास के लिए एक कैलेंडर जारी करेगा और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा पालन किए जाने वाले स्थायी निर्देश होंगे। एफएलसी राजस्थान, मिजोरम, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मध्य प्रदेश विधानसभा और संसदीय सीटों पर भी होगा, जहां उपचुनाव होने हैं।

अधिकारी ने बताया कि एफएलसी के दौरान बीईएल और ईसीआईएल के इंजीनियरों द्वारा ईवीएम और पेपरट्रेल मशीनों की यांत्रिक खामियों की जांच की जाएगी। खराब मशीनों को मरम्मत या बदलने के लिए कंपनियों को वापस किया जाएगा। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में दो मशीनों की जांच के लिए मॉक पोल भी आयोजित किया जाता है।

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