नहीं था एंटीकोलिजन कवच सिस्टम, हादसे का ज़िम्मेदार कौन अब तक पता नहीं

यूथ इंडिया, भुवनेश्वर। ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम को हुए रेल हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 261 हो गई है। 900 से अधिक लोग घायल हैं। हादसा बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के पास शुक्रवार शाम करीब 7 बजे हुआ। न्यूज एजेंसी ने रेलवे के हवाले से जानकारी दी है कि ट्रेनों के बीच टक्कर रोकने वाला कवच सिस्टम इस रूट पर मौजूद नहीं था।

घटनास्थल पर लगा लाशों का ढेर

हादसे के 21 घंटे बाद यानी शनिवार शाम 4 बजे तक रेल मंत्री या रेलवे मंत्रालय ने हादसे की वजहों पर कुछ नहीं कहा। मंत्री से लेकर अधिकारी तक जांच कराने की बात दोहराते रहे। इधर न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि सिग्नल फेल होना भी हादसे की वजह हो सकती है। पहले ट्रेन डेरेल होने की खबर आई, फिर टकराने की जानकारी मिली, हादसे के एक घंटे बाद शाम को करीब 8 बजे बालासोर में एक ट्रेन के पटरी से उतरने की खबर आई। इसके बाद दूसरी ट्रेन डेरेल होने की बात पता चली। रात करीब 10 बजे साफ हुआ कि दो यात्री गाड़ियां और एक मालगाड़ी टकराई हैं। शुरुआत में 30 लोगों के मारे जाने की जानकारी थी, लेकिन देर रात यह आंकड़ा 200 के पार पहुंच गया।

हादसा इतना भीषण था कि बोगियां एक दूसरे के ऊपर चढ़ गईं
दिल दहलाने वाली तस्वीरें आई सामने

एक ट्रेन मालगाड़ी से टकराई, सामने से आई दूरंतो इसकी बोगियों से भिड़ी। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि बहानगा बाजार स्टेशन की आउटर लाइन पर एक मालगाड़ी खड़ी थी। हावड़ा से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस यहां डिरेल होकर मालगाड़ी से टकरा गई। एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया और बोगियां तीसरे ट्रैक पर जा गिरीं। कुछ देर बाद तीसरे ट्रैक पर आ रही हावड़ा-बेंगलुरु दुरंतो ने कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों को टक्कर मार दी।

घटनास्थल का जायज़ा लेते पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार शाम को घटनास्थल पर पहुंचे। वह अस्पताल में घायलों से भी मिले। इसके बाद प्रधानमंत्री ने घायलों की मदद करने वालों को शुक्रिया कहा। प्रधानमंत्री ने शनिवार सुबह हादसे की समीक्षा के लिए हाई लेवल मीटिंग भी बुलाई थी। इसके साथ ही, रेलवे ने अलग-अलग स्टेशनों पर हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।
दुर्घटनाग्रस्थ लोगों से मिलते प्रधानमंत्री

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सुबह बालासोर पहुंचकर हादसे की जांच के आदेश दिए। उन्होंने मृतकों के परिवार को 10 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 2 लाख रुपए और चोट लगने वाले लोगों के लिए 50,000 रुपए की सहायता की घोषणा की है। राहुल और प्रियंका गांधी ने इस हादसे पर दुख जताते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से लोगों की मदद करने की अपील की है।

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बालासोर अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने राज्य में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी बालासोर पहुंची। उन्होंने प्रभावितों के लिए राज्य की तरफ से मुआवजे का ऐलान किया। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने ओडिशा के मुख्यमंत्री से बात की है। ओडिशा में तीन मंत्री भी पहुंचे हैं।

दोनों ट्रेनों के बीच बहानगा स्टेशन पर 3 घंटे का फर्क था, लेकिन वे एक साथ आ गईं। बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन नंबर 12864 ने 1 जून को सुबह 7:30 बजे बेंगलुरु के यशवंतपुर स्टेशन से चलकर 2 जून को शाम 8 बजे हावड़ा तक पहुंचने की योजना थी। यह ट्रेन अपने समय से 3.30 घंटे की देरी से 6:30 बजे भद्रक पहुंची। बाद में ट्रेन बालासोर पर 4 घंटे की देरी से 7:52 बजे पहुंचने वाली थी।

दूसरी ट्रेन शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन नंबर 12841 ने 2 जून को दोपहर 3:20 बजे हावड़ा से रवाना हुई थी। यह ट्रेन 3 जून को शाम 4:50 बजे चेन्नई सेंट्रल पहुंचती। यह ट्रेन अपने समय पर 6:37 बजे बालासोर पहुंची। बाद में ट्रेन भद्रक पर 7:40 बजे पहुंचने वाली थी, लेकिन लगभग 7 बजे दोनों ट्रेनें बहानगा बाजार स्थानक के पास से आमने-सामने से गुजर गईं और उसके बाद ही हादसा हुआ।

14 साल पहले, शुक्रवार को ही ओडिशा में कोरोमंडल एक्सप्रेस का बेपटरी होने का हादसा हुआ था। कोरोमंडल एक्सप्रेस ने उस समय भी शाम के साढ़े 7 बजे के करीब हादसे का सामना किया था। यह ट्रेन जाजपुर रेलवे स्टेशन की ओर जा रही थी। उस दौरान ट्रेन गलत ट्रैक पर चली गई थी और इसके परिणामस्वरूप इसकी 8 बोगियाँ पलट गईं थीं। उस हादसे में 16 यात्रियों की मौत हुई थी और 40 से अधिक लोग घायल हुए थे।

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