बिजली चले जाने पर चिकित्सक ने मोबाइल टार्च जलवा कर देखे मरीज, नहीं चलाया जाता जेनरेटर

फर्रूखाबाद, यूथ इंडिया। डा० राम मनोहर लोहिया अस्पताल में चाहें स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आकर निरीक्षण कर मातहतों के पेंच कस लें लेकिन अस्पताल की व्यवस्थाऐं सुधरने का नाम नही लेंगी। दिनों दिन मरीजों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। जहां एक ओर भीषण गर्मी पड़ रही है। वहीं दूसरी ओर चिकित्सक अंधेरे में मोबाइल की टार्च के सहारे मरीजों का उपचार करने को विवश है।

ऐसा ही नजारा लोहिया अस्पताल की ओपीडी में देखने को मिला। बतातें चले कि यह कोई आम बात नही है कि लोहिया अस्पताल की ओपीडी में टार्च की रोशनी में मरीज देखे गये हो। अहम बात तो यह है कि बीते दिनों उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लोहिया अस्पताल के निरीक्षण में सीएमओ तथा सीएमएस के पेंच कसे थे कि मरीजों को परेशानी न होने दी जाये। लेकिन सीएमएस डा० आरके गुप्ता तो अपने कक्ष में आराम फरमाते देखे जाते है और चिकित्सक अंधेरे में मरीजों का उपचार करते नजर आ रहे है।

बिजली चले जाने के बाद सीएमएस कक्ष में तो इनवर्टर की व्यवस्था है लेकिन ओपीडी में चिकित्सकों के लिए कोई सुविधा नही है। अस्पताल में लगे जनरेटर बंद रहते है। कहने को तो डीजल का बिल बनाया जाता है लेकिन वह डीजल कहां चला जाता है। अक्सर मरीजों को हंगामा करते देखा जाता है। इस भीषण गर्मी में अधिक लोड होने की बजह से विद्युत उपकेन्द्र में से कोई न कोई फाल्ड बना रहता है जिसके कारण बिजली काट दी जाती है। ऐसी स्थिति में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को जनरेटर चलवाना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं है। क्योकि साहब के कमरे में लाइट भी जलती है और पंखा भी चलता है। कहने को तो सीएमएस राउण्ड के नाम पर खानापूरी करते नजर आते है। लेकिन वास्तव में जो समस्या है उस पर किसी का कोई ध्यान नही जाता है। जिससे मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नही गर्मी में मरीजों से घिरे चिकित्सक भी अस्पताल की बदहाल व्यवस्थाओं को झेलने को मजबूर है। बिजली न होने के कारण मरीजों के एक्सरे व अल्ट्रासाउण्ड भी नही हो पा रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here