रुकेगी अनाज की बर्बादी |
यूथ इंडिया, एजेंसी। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को सहकारिता क्षेत्र की दुनिया की सबसे बड़ी फूड स्टोरेज स्कीम को मंजूरी दी है। इस स्कीम के लिए एक लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। योजना के तहत हर ब्लॉक में 2000 टन क्षमता का गोदाम बनाया जाएगा। इसके लिए एक अंतर-मंत्रालयी कमेटी का गठन होगा। इस संबंध में जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी है।
इस स्कीम को सबसे पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 10 जिलों में लागू किया जाएगा। अनुराग ठाकुर ने कहा है कि स्टोरेज की कमी के कारण अनाज की बर्बादी होती थी, जो इस स्कीम से रुकेगी। जिन किसानों को स्टोरेज की कमी के कारण अपनी उपज को नुकसान उठाना पड़ता था, अब वह यह नहीं करना होगा। उन्हें अपने मनचाहे दाम पर अपने अनाज को बेचने की स्वतंत्रता मिलेगी।
अनुराग ठाकुर ने कहा है कि “भारत दुनिया में सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। रूस और ब्राजील जैसे दूसरे बड़े प्रोड्यूसर्स के पास उत्पादन से ज्यादा भंडारण की क्षमता है, लेकिन हमारे पास केवल 47% उत्पादन की कैपेसिटी के साथ स्टोरेज की क्षमता है।” उन्होंने कहा है कि “हर ब्लॉक में 2000 टन के गोदाम बनाए जाएंगे। प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियों में भी 500-2000 टन के गोदाम बनेंगे।