पटना, एजेंसी। पटना के एक कार्यक्रम के बाद, बिहार में बागेश्वर बाबा की फैन फोलोइंग काफी बढ़ गई है। लोग अब उनकी भक्ति में बहुत रुचि ले रहे हैं। इस दौरान, बाबा के प्रवचन से प्रभावित होकर मुजफ्फरपुर की एक युवती, नौशीन परवीन, रुक्मणि बन गई है।

नौशीन ने इस्लाम को छोड़कर सनातन धर्म को अपनाया है और उन्होंने गंगा में स्नान किया है। उन्होंने हिंदू रीति-रिवाज के साथ वैशाली में रहने वाले अपने प्रेमी के साथ सात फेरे लिए हैं। लड़के के परिवारवालों ने मंदिर में उन्हें गहने और कपड़े चढ़ाए हैं। इसके अलावा, हल्दी और घी से संबंधित रस्में भी हुई हैं। वर पक्ष की महिलाएं दुल्हन को बारी-बारी से चुमा रही हैं और फिर मंगल गीत भी गाए जा रहे हैं।

यह बताया गया है कि हाजीपुर में सहथा गांव निवासी उमाशंकर कुंवर के पुत्र, रौशन कुमार, मुजफ्फरपुर जिले के गीजास गांव निवासी नौशीन परवीन से पढ़ाई के दौरान प्यार में गिर गया है। हालांकि, धार्मिक विचारधाराओं के अलग होने के कारण, दोनों के बीच शादी के पवित्र बंधन को सम्पन्न करना मुश्किल हो रहा था।


उस दौरान, युवती ने बताया कि उसने बाबा बागेश्वर का प्रवचन सुना है। इस कार्यक्रम को सुनकर उसे धर्म बदलने की प्रेरणा मिली। इसके बाद, वह अपने प्रेमी के साथ लालगंज के आचार्य कमलाकांत पाण्डेय और पंडित संजय तिवारी से मिलने पहुंची और धर्मांतरण की प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त की। युवती ने पंडितों द्वारा बताए गए नियमों का पालन करने का निर्णय लिया और रविवार की सुबह वह गंगा की सहायक नदी नारायणी (गंडक) के तट पर पहुंची। वहां, आचार्यों ने लड़की के धर्मांतरण का अभिषेक किया और उसे सनातन धर्म में प्रवेश कराया। सनातन धर्म में प्रवेश करते ही, गिजास गांव की नौशीन परवीन ने नारायणी नदी को साक्षी मानकर रुक्मणि बन गई। इसके बाद, दोनों प्रेमी युगल लालगंज के रेपुरा स्थित अर्धनारीश्वर शिव मंदिर पहुंचे, जहां लड़के का पूरा परिवार उपस्थित था।

मंदिर में सबसे पहले सत्यनारायण भगवान की पूजा की गई। इसके बाद, विवाह की प्रक्रिया शुरू हुई। आचार्य ने शादी के सात वचनों से दूल्हा-दुल्हन को बांधा। कन्या दान की रस्म भी पूरी हुई और फिर भगवान भोलेनाथ की परिक्रमा करके वे दोनों सात जन्मों के लिए एक-दूसरे के हो गए।

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