बिजली की आँख मिचोली बनी सिरदर्द, मोबाइल ऑफ, जबाव दे गए इन्वर्टर, इंडिया मार्का हैंडपम्प न होते तो प्यासा रह जाता आधा शहर |
यूथ इण्डिया संवाददाता, फर्रुखाबाद। दो चार दिन तापमान क्या बढ़ा कि सारे शहर की बिजली व्यवस्था ही चौपट हो गयी । बार-बार बिजली का आना-जाना पिछले कई दिनों से नागरिकों के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। पर्याप्त बिजली न आने में भारी गर्मी के दौरान इन्वेंटर जबाव दे गए। तमाम लोगों के मोबाइल ऑफ हो गए और पेयजल संकट इतना कि अगर इंडिया मार्का हैंडपम्प न होते तो शायद आधे शहर का गला तर नहीं होता।
ऐसे में नागरिकों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर बिजली व्यवस्था को शीघ्र सुधारा न गया तो पुराने फर्रुखाबाद की तरह एक बार फिर आम आदमी बिजली, पानी के लिए सड़कों पर उतरा दिखाई देगा। ज्यादा मोहल्लों और फीडरों में सुबह से ही बिजली नहीं आती, इस बात को लेकर फीडर पर तैनात जिम्मेदारों से जनता के लोग गरमा गरम बहस भी करते दिखाई दिए। कई स्थानों पर धक्का मुक्की और झड़पे होने की खबरें मिली है। पुलिस ने पहुँचकर मामलों को जैसे-तैसे शांत कराया।
नागरिकों का बढ़ता हुआ आक्रोश गर्मी के मौसम को कहीं और गर्म न कर दें ऐसी संभावनाएं बन रही हैं। घरों में दोपहर से लेकर शाम तक बिजली की आवाजाही के चलते गर्मी आग जैसी बरसती है। वहीं बिजली न होने से इन्वंटर चार्ज नहीं हो पाते और रात को भी नागरिकों को पसीने-पसीने होना पड़ता है। पिछले दो दिनों से रात में होने वाली बारिश ने नागरिकों को छत पर खुले में लेटने में भी मुहाल कर दिया। बरसात से भले ही तापमान में कुछ गिरावट आई हो लेकिन गर्मी बरसात पर भारी है। ऊपर से गर्मी के जख्म पर बिजली की आँख मिचोली का नमक अपना पूरा काम कर रहा है।



