डा० राम मनोहर लोहिया अस्पताल के आस पास दर्जनों अस्पतालों की सूची बनाने का एक बार फिर जारी हुआ फरमान |
फर्रुखाबाद, यूथ इंडिया संवाददाता। पूरे जिले और खासकर डा० राम मनोहर लोहिया अस्पताल के आस पास से लेकर मसेनी चौराहा और बाग लकूला तक सैकडों की तादात में खुले मानक विहीन और अवैध प्राईवेट चिकित्सालयों की घोर अनियमितताओं और यहां रोज हो रही जच्चा बच्चा की हत्याओं के सवालों की बौछार से राज्य के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा संभाले ब्रजेश पाठक घिरे नजर आये।
उन्होने पूर्व की भांति इस बार भी यहां के नाकारा स्वास्थ्य महकमें को फिर फटकार लगाई और दोबारा फिर फरमान जारी किया कि ऐसे अस्पतालों की सूची बनाये। सीएमओ कमेटी बनाकर कार्यवाही को अमल में लाये। बुधवार की देर शाम वर्षों से खुद बीमार पड़े जिले के एक मात्र बडे अस्पताल के रूप में संचालित डा० राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने यहां का स्थलीय निरीक्षण किया तो उन्हें खामियां ही खामियां नजर आयीं। कम स्टाफ, चिकित्सकों की मनमानी से कराहती जनता का दर्द भी उन्हें देखने को मिला। जिस पर नाराज डिप्टी सीएम की त्योरी चढी दिखीं।
पत्रकारों के सवालों का मंत्री जवाव भी देते तो कब, जब सवालों की झडी खत्म होती। उनके पिछले दौरे को भी यहां याद दिलाया गया। जिसमें डिप्टी सीएम ने चेतावनी भरे लहजे में कई मौखिक निर्देश जारी किये थे। उप मुख्यमंत्री ने बुधवार को भी यहां फिर चेताया कि चिकित्सक समय से बैठे व उनकी गैर मौजूदगी में सीएमएस खुद ओपीडी का जिम्मा संभाले। वह ब्लड बैंक भी गये जहां उन्हें खामियां मिली हांलाकि बताया गया कि मशीन नई आई है शुरू नही है हो सकी तो दबी जुबान से लोगों ने यहां यह भी कहने में देर नही लगाई कि इनकी सरकार का सांतवां साल है। अभी तक एक व्यवस्था ढर्रे पर नही लौटी। लेकिन इस बार डिप्टी सीएम का लहजा कडक था। कयास लगाये गये कि अब सुधार होकर रहेंगे।


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