आखिर तकनीकी सहायकों पर क्यों मेहरबानी, आदेश के बावजूद जिम्मेदार मौन
फर्रुखाबाद, यूथ इंडिया संवाददाता। जनपद में कई वर्षों से ब्लॉक स्तर पर तकनीकी सहायकों की तैनाती में फेरबदल नहीं किया गया है। जो कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। ब्लॉक स्तर पर ही खण्ड विकास अधिकारियों के चहेते तकनीकी सहायकों को नियम विरूद्ध तरीके से दर्जनों ग्राम पंचायत आवंटित कर दी जाती हैं। वहीं कुछ तकनीकी सहायकों को कम ग्राम पंचायत देकर खानापूर्ति की जाती है। जब कि शासनादेश के अनुसार आवांटित न्याय पंचायत में अगर तकनीकी सहायकों की कमी है तो पास की न्याय पंचायत आवंटित की जा सकती है, लेकिन फर्रुखाबाद में डीसी मनरेगा शासन के नियमों का खुलेआम मजाक बनवा रहे हैं।
जनपद में एक ब्लॉक व न्याय पंचायतों में लगभग 22 तकनीकी सहायक तीन वर्ष से अधिक समय से डटे हुए हैं और तो और कुछ तकनीकी सहायक खुद की ग्राम पंचायत में ही काम कर रहे हैं। मनरेगा में तकनीकी सहायकों की जड़े काफी गहरी हो गयी हैं। उन्हें कई बार इधर से उधर करने का प्रयास तो किया गया। लेकिन स्थिति जस की तस रही। मनरेगा योजना में तकनीकी सहायकों का विशेष रोल होता हैं। एमबी से लेकर अन्य कार्यों तक इनके बिना कुछ भी होना असंभव है। ब्लॉक स्तर पर तकनीकी सहायक और बीडीओ की मजबूत कड़ी होती है। अभी पिछले दिनों ही उपायुक्त मनरेगा सत्यराम यादव ने आदेश जारी किए थे। तीन वर्ष से अधिक एक ही ब्लॉक में तकनीकी सहायकों के बारे में पूरा ब्यौरा माँगा था। इसके बाद भी तकनीकी सहायकों पर मेहरबानी बरकरार है।
विशेष सूत्रों की माने तो कुछ नेताओं के दबाव व भ्रष्टाचार के चलते जनपद के अधिकारी तबादला नहीं कर पा रहे हैं। जिससे कई वर्षों से तैनात तकनीकी सहायक भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने से बाज नहीं आ रहे। अब देखने वाली बात यह है कि डीसी मनरेगा तबादला करेंगे या पूर्व की भांति भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का काम करेंगे। जब इस संदर्भ में डीसी मनरेगा योगेन्द्र पाठक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि तकनीकी सहायक संविदा कर्मी होते हैं। अभी तक उनके बारे में कोई. भी. ब्यौरा उच्चाधिकारियों ने नहीं माँगा है। जब कि उनके द्वारा स्वयं 2 मई 2023 को समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को लेटर जारी करते हुए तीन वर्षों से अधिक तकनीकी सहायकों के बारे में लिखित जानकारी माँग गई है। अब उन्होंने अपना पत्र छिपाकर बात को घुमाने का काम क्यों किया। यह भी अपने आप में सवाल बना हुआ है।

