यूथ इण्डिया संवाददाता, फर्रुखाबाद। मंजिल उसी को मिलती है, जिसके सपनों में जान होती है, परों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है की कहावत को चरितार्थ करते हुए सेना में सिपाही से भर्ती हुए मिलन ने कम समय में ही कमीशन प्राप्त करते हुए अपने अफसर बनने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया। लेफ्टीनेंट बनने के बाद वे देश की सरहदों की सुरक्षा के प्रति शीघ्र ही और भी प्रतिबद्ध होकर दिखायी देंगे।
देश की धरती के प्रति एक फौजी का जज्जा मन में लिये नगर के मसेनी निवासी मिलन चौहान ने मात्र कक्षा 10 पास करने के बाद बतौर सिपाही भारतीय सेना में प्रवेश लिया। उनके मन में सदैव ही अधिकारी रैंक प्राप्त करने का जज्जा बना रहा । हौसला बुलंद रहा और उन्होंने एसएसबी उत्तीर्ण कर सेना में अफसर बनने का रास्ता साफ कर लिया। शीघ्र ही देहरादून में आईएमए में उनकी ट्रेनिंग शुरु होगी और उनके कंधों पर चमचमाते सितारे देश की प्रति उनकी कर्तव्य निष्ठा को और भी बढ़ाने का काम करेगें।
यूथ इंडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि 12 घंटे की ड्यूटी व अधिकारियों द्वारा निर्देशित अन्य कार्य समाप्त करने के उपरान्त वे प्रतिदिन देर रात्रि अध्ययन करते थे। उन्होंने ये भी कहा कि हर किसी को निरंतर स्वयं को प्रेरित कर अपने विकास के लिए अग्रसर रहना चाहिए, अपनी प्रतिभा को सीमित समझ लेना कहीं से भी उचित नहीं है। उनकी इस उपलब्धि से परिवार में खुशी का माहौल है। बताते चलें कि मिलन सेना में रहकर पुंछ, जम्मू कश्मीर जैसे संवेदनशील इलाकों में तैनात रहे जहाँ अक्सर आतंकवादियों द्वारा सीज फायर का उल्लंघन आये दिन होता रहता है। मिलन अपनी युनिट 5 राजपूत में अफसरों को देख वे अत्यंत प्रेरित होते रहे और सेना में अधिकारी बनने का संकल्प ले लिया।