विजय गुप्ता को शिकस्त देने में करीबी हेमचन्द्र, मनोज मिश्रा, कुंवरजीत लगाए

फर्रुखाबाद, यूथ इंडिया संवाददाता। पहले सपा शासन में सपाईयों संग मिलकर भाजपा को शिकस्त दी फिर भाजपा की जब हुकूमत आई तो पूर्व महामंत्री शैलेन्द्र सिंह राठौर राम नाम का गमछा डाल क्षत्रित्व का फायदा लेने ऐसे निकले कि पार्टी के कद्दावर नेताओं को ही जड़ से उखाड़ने लगे। जिलाध्यक्ष रूपेश गुप्ता की किरकिरी करा मतगणना में भाजपाईयों को पिटवाने का सिर्फ शैलेन्द्र राठौर ने कुचक्र नहीं रचा बल्कि शमसाबाद में भी पार्टी पीट पर खंजर भोंका।

पिछले चुनाव में भाजपा की कृष्णा देवी के खिलाफ चुनाव लड़े भाजपा नेता हेमचन्द्र राजपूत को पार्टी ने निष्कासित कर दिया था। उसे शैलेन्द्र राठौर ने ही दोबारा शामिल कराया लेकिन इस बार भी उसने भाजपा के विजय गुप्ता की खिलाफत करने में शैलेन्द्र के इशारे पर कसर नहीं छोड़ी। शैलेन्द्र के करीबी कुंवरजीत सिंह, मनोज मिश्रा, जितेन्द्र शाक्य आदि ने विजय गुप्ता के खिलाफ प्रत्याशी उतार समाजवादी पार्टी को यहाँ जीत का सेहरा ही नहीं पहनवाया बल्कि भाजपा की जड़े उखाड़ने का भी काम किया। हालांकि विजय गुप्ता ने हाईकमान से गद्दारों की लिखित शिकायत की है।

बरतरिया के घर फतेहगढ में पड़ी डकैती के अभियुक्त भी शैलेन्द्र के खासमखास
फर्रुखाबाद। फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र में महीनों पूर्व पड़ी डकैती के अभियुक्त भी शैलेन्द्र सिंह राठौर के करीबियों में शुमार हैं। पुलिस ने डकैती के अभियुक्त राजू बहेलिया, प्रेमपाल, राजू राठौर आदि को नेपाल बार्डर से गिरफ्तार किया था। हालांकि शैलेन्द्र का नाम इस डकैती में आने से बच गया था।
अनुसूचित जाति वित्त निगम में किया था घोटाला
फर्रुखाबाद। माया सरकार में आई योजना के दौरान शैलेन्द्र सिंह राठौर ने अपने करीब 12 लोगों के फर्जी अभिलेखों के तहत ऋण कराकर उनके नाम दुकाने व इतनी ही बुलेरो जीप फर्जीवाड़ा कर निकलवाई थीं। इस मामले में भी मुकदमा पंजीकृत हुआ था और फर्जीवाड़े की धारा में शैलेन्द्र को उच्च न्यायालय से सेम डे जमानत का आदेश कराना पड़ा।
सीतापुर डकैती कांड में पकड़ गई थी शैलेन्द्र की कमांडर जीप
फर्रुखाबाद। जुर्म और जरायम से भाजपा नेता शैलेन्द्र सिंह राठौर का वर्षों पुराना नाता है। सीतापुर डकैती कांड में शैलेन्द्र तो बच निकला था लेकिन उसकी अपनी कमांडर जीप साथी डकैतों के प्रयोग में आने से पकड़ी गई थी।
परिवारी निर्दोष देवराज को फँसवाया था झूठा
फर्रुखाबाद। शैलेन्द्र सिंह राठौर को जब से जमीनों पर कब्जें और खरीद और फरोख्त का मजा पड़ा, तब से उसने सत्तारूढ़ भाजपा को जमकर भुनाया। अपने ही गाँव गूसरपुर के परिवारी भाई देवराज सिंह को फर्जी पकड़ का मुकदमा लिखवा कर जेल भिजवाने का प्रयास किया। कारण सिर्फ इतना था कि देवराज ने जो खेत बैनामा करा लिया था, वह शैलेन्द्र को चाहिए था। हालांकि पुलिस ने निष्पक्षता बरतते हुए देवराज को छोड़ दिया था।

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