यूथ इण्डिया संवाददाता, फर्रुखाबाद। कभी जुर्म और जरायम के बेताज बादशाह रहे शैलेन्द्र सिंह राठौर मोहम्मदाबाद कोतवाली पुलिस के लिए सिरदर्द रहते थे। बहेलिया गिरोह के सितम और बाइक चोरी के मामले आज तक लोग भूला नहीं सके। अब भाजपा में आने के बाद अवैध ढंग से जमीनों पर कब्जे और प्लाटिंग उनका मुख्य धंधा बन गया। शैलेन्द्र सिंह राठौर फैंस क्लब के माध्यम से सोशल मीडिया पर ग्रुप बना तमाम आपराधिक प्रवृत्ति के सपाईयों को साथ जोड़ अश्रीलता परोसने के साथ-साथ अपना कुनबा बढ़ा रहे हैं।

शैलेन्द्र ने भाजपा में रहते गंगा पार के बरुआ गाँव निवासी अतुल प्रताप सिंह सोमवंशी नाम के युवक को पहले पांचालघाट स्थित एक गली में बसाया फिर उसके नाम से पांचालघाट से खाँनपुर जाने वाली सड़क पर दो बीघा जमीन कौड़ियों में खरीद यहाँ अवैध ढंग से प्लाटिंग शुरू की।

शैलेन्द्र ने समाजवादी युवजन सभा के जिला उपाध्यक्ष शिमव मिश्रा, अभय प्रताप सिंह, सोनू यादव भाऊ, जहानगंज के पूर्व भाजपा मण्डल अध्यक्ष राजकिशोर भदौरिया, अर्पित शुक्ला, आलोक परिहार, पुलिस से फरार अपराधी अचल सिंह परिहार, गौरव सिंह आदि के छुटभैया युवकों का गैंग बनाकर अवैध ढंग से मिट्टी व बालू खनन का भी धंधा शुरु किया है। हाल ही में मऊदरवाजा क्षेत्र में हुई दलित महिला की हत्या के मामले में शैलेन्द्र का यह गिरोह हत्यारे पति को बरगलाने के लिए काम करता रहा।

कई वर्ष पूर्व बद्री विशाल डिग्री कॉलेज के छात्र नेता अखण्ड प्रताप सिंह हत्याकांड में गवाई ढीली करने के नाम पर शैलेन्द्र ने लाखों रुपये डकार लिये थे। जिसके बाद मुकदमा छूट गया था। यह दंश आज भी क्षत्रिय समाज भूला नहीं है। इसके बाद कमल कटियार हत्याकांड में शैलेन्द्र के इशारे पर गोली मारी गई थी। वह मामला भी अभी सुलग रहा है।

ससुराल में कई बीघा सरकारी जमीन घेरी
भाजपा की आड़ में चंद वर्षों में ही शैलेन्द्र सिंह राठौर ने अपनी ससुराल सरैया में ढेरा जमा यहाँ कई बीघा सरकारी जमीन फर्जीवाड़ा कर घेर ली। जसमई स्थित कब्रिस्तान कब्जा करा लिया। हालांकि काले कारनामों के चलते शैलेन्द्र को महामंत्री पद से मुअत्तिल कर दिया गया।

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