अध्यक्ष बदलने की माँग उठाने लगे उनके समर्थक व सगे सम्बन्धी, डीएम, एसपी को कई बार गाली गलौज कर पैदा कर दिया हाईटेंशन, वरिष्ठ नेतृत्व को कराया गया मामले से अवगत

फर्रुखाबाद। मतगणना स्थल पर भाजपा द्वारा किए गए हंगामे और फजीहत के पीछे पूर्व जिला महामंत्री शैलेन्द्र सिंह राठौर की साजिश का सनसनी खेज खुलासा उस समय हो गया जब सोशल मीडिया के माध्यम से उनके समर्थक शैलेन्द्र को जिलाध्यक्ष बनाए जाने की माँग करने लगे। निकाय चनाव में भाजपा की हार के बाद हुए हंगामे के दृष्टि से लोगों के सुर बदल गए और पूर्व महामंत्री की साजिश का खुलासा हो गया।

जिलाध्यक्ष रूपेश गुप्ता और कोषाध्यक्ष संजीव गुप्ता जैसे विनम्र लोग काफी आक्रोश में नजर आए। जैसी इन लोगों से अपेक्षा नहीं की जाती थी वैसा आचारण देखने को मिला। इतने दिनों की राजनीति में रूपेश और संजीव ने इस प्रकार का आचरण कभी नहीं किया। शनिवार को सातनपुर मण्डी में जिस तरीके से भाजपाईयों ने धक्का मुक्की की, गाली गलौज किया। इस पूरे खेल के पीछे शैलेन्द्र राठौर का नाम अहम रूप से सामने आया है। हंगामे के दौरान शैलेन्द्र कई बार पुलिस अधीक्षक व पुलिस कर्मियों को गालियां देते दिखे। यहाँ तक कि कई बार तो जिलाधिकारी को दलाल और रिश्वतखोर तक कह डाला।

भाजपा पदाधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पूरे खेल में शैलेन्द्र राठौर की अहम भूमिका है। भाजपाई कार्यकर्ताओं को भड़काने का काम पूर्व महामंत्री ने किया। उत्तेजित कार्यकर्ताओं के सामने जिलाध्यक्ष की भी एक नहीं चली और उन्हें धरने पर बैठना पड़ा । बेइज्जती को देख जिलाध्यक्ष फूट-फूटकर रोने भी लगे, जिन्हें कार्यकर्ताओं ने शांत किया। इस सब हंगामे के पीछे महज कारण है कि शैलेन्द्र राठौर खुद जिलाध्यक्ष बनना चाहते हैं। उन्होंने जिलाध्यक्ष रूपेश गुप्ता और पूरी कमेटी की पूरी फजीयत करवा डाली। उनके सगे सम्बन्धी सोशल मीडिया पर शैलेन्द्र को जिलाध्यक्ष बनाए जाने की माँग करने लगे हैं और तर्क है कि शैलेन्द्र को अध्यक्ष बनाया जाए तभी भाजपा की इज्जत बच सकेगी।

शनिवार को मतगणना स्थल पर पुलिस ने जिला उपाध्यक्ष व अन्य लोगों पर जमकर लाठियां भांजी। इस दौरान जिलाध्यक्ष रूपेश गुप्ता पर भी मारपीट का आरोप लगा है। जिलाध्यक्ष कार्यकर्ताओं के कंधे पर सिर रखकर फूट-फूटकर रोते भी दिखाई दिये। संगठन के जिलाध्यक्ष के अहम पद पर काबिज होने के लिए चुनावी हार सरीके संवेदनशील मुद्दे के दौरान भी शैलेन्द्र राठौर अपनी डिप्लोमेसी से नहीं चूके। जनप्रतिनिधियों से लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में उनकी इस हरकत से आक्रोश दिखाई दे रहा है। जानकार सूत्रों से खबर मिली है कि शैलेन्द्र की इस हरकत की जानकारी वरिष्ठ नेतृत्व तक भी पहुँचा दी गई है। बताते चलें शैलेन्द्र राठौर ने इससे पूर्व बढ़पुर ब्लॉक पर भी कब्जा कर लिया था। सदर विधानसभा में भाजपा को कोई ऐसा प्रत्याशी नहीं मिल पाया था जो यहाँ की विरासत सँभाल सकता।

और जब भड़का पुलिस का डंडा तो रफुचक्कर हुए शैलेन्द्र
फर्रुखाबाद। सातनपुर मण्डी के मतगणना स्थल पर जिला प्रशासन के खिलाफ भाजपा जिला कार्यकारिणी को भडकाने के बाद जैसे ही पुलिस की आँखे लाल पीली हुईं और मामला गरम होने लगा, तो पूर्व महामंत्री सबसे पहले मौके से खिसक लिये। उनके पीछे ही उनकी जमात भी निकल गयी, इतना जरूर कह गये कि कोई बड़ी बात होती है तो वह दलबल के साथ मौके पर आएंगे। सबसे ज्यादा गरम माहौल में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष और दलित चेहरा वीरेन्द्र कठेरिया की बेइज्जती हुई। अपनी ही सरकार में अपनी ही पुलिस से वह कई पिटते और गिरते नजर आए। कठेरिया शैलेन्द्र के खेमें में गिने जाते हैं और शैलेन्द्र सांसद के खेमे के। जिलाध्यक्ष बनने का सपना शैलेन्द्र का कोई नया नहीं है, जब-जब बदलाव के संकेत दिखे तो वह अध्यक्षी पाने को बेताब दिखे और जब जब विधानसभा के चुनाव आए तब भोजपुर से टिकट पाने को बेताब रहे। हालांकि उनकी यह दोनो हसरते उनके काले इतिहास के कारण पूरी नहीं हुई। मोहम्मदाबाद का बहेलिया गिरोह और हगूडों की सरपरस्ती आज भी लोगों के जहन में है। बो बात अलग है कि वर्तमान में गुण्डा और अपराधियों के लिए जिले में गंगोत्री बनी भारतीय जनता पार्टी में गोता लगाने के बाद बड़े-बड़े अपराधी पवित्र हो रहे हैं। इसी क्रम में भले ही जुर्म और जरायम के बेताज बादशाह रहे चन्नू और जग्गू जैसे लोग सपा में हो लेकिन मृतक आश्रित माननीय का हाथ और शैलेन्द्र का साथ होने से वह भी फिलहाल पवित्र ही हैं। हाल ही में चुनाव दौरान शामिल हुए अन्य दागी भी पावन हो रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here