फर्रुखाबाद, यूथ इंडिया। नगर का शायद ही कोई मोहल्ला या वार्ड होगा जहाँ पर कोई न कोई जन समस्या मुंह वाये खड़ी न हो। कहीं सफाई तो कहीं जलभराव तो किन्ही मोहल्लों में पेयजल की समस्या से वोटर रूबरू हैं। वहीं अपने आखिरी दौर में पहुँचते जा रहे नगर पालिका के चुनावों के दौरान प्रत्याशी जन समस्याओं से जूझते वोटर से वोटों की गुहार लगाते दिखाई दे रहे हैं। कई जगह तो प्रत्याशियों ने जब वोट माँगा तो उन्हें नागरिकों के आक्रोश का सामना तक करना पड़ गया। जबाव में एक ही बात, मौका दीजिए समस्याओं का हल किया जाएगा। ऐसी समस्या पूर्व में नगर पालिका की काबिज रहे प्रत्याशी के सामने ज्यादा आ रही हैं। हालांकि नगर पालिका में अपनी उपलब्धियों व जनसेवा का हवाला देकर भविष्य में समस्याओं के समाधान करने का वायदा करके यह प्रत्याशी एक बार फिर वोट देने की बात कह रहे हैं।
अधिकांशतः सभासद पद के प्रत्याशी सुबह और शाम को अपनी टोली के साथ चुनाव प्रचार करने निकलते हैं और वार्ड की सभी समस्याओं का समाधान करने की बात कहते हैं। लेकिन अधिकांश प्रत्याशी ऐसे हैं जिन्हें अपने वार्ड की प्रमुख समस्या का भी ज्ञान नहीं है। अधिकांश महिला प्रत्याशियों को तो वार्ड में कितने मोहल्ले हैं यह तक नहीं मालूम फिर भी समस्याओं के समाधान का हवाला देकर वोटों की गुहार लगाते प्रत्याशी हर हालत में नगर पालिका पहुँचना चाहते हैं। अब चेयरमैन पद के लिए चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को ही ले लें तो पूर्व चेयरमैन दमयंती सिंह की बहू सपा प्रत्याशी एकता और पूर्व चेयरमैन बसपा प्रत्याशी वत्सला अग्रवाल को छोड़कर शायद ही कोई प्रत्याशी ऐसा होगा जिसे स्वयं नगर की समस्याओं का ज्ञान हो।
भाजपा प्रत्याशी सुषमा गुप्ता अधिकांशतः चुनाव प्रचार करने ही नहीं निकलती। उनके पुत्र भाजपा जिलाध्यक्ष रूपेश गुप्ता पूरी ताकत झोंक रहे हैं। उनकी टीम के लोग नगर पालिका में भ्रष्टाचार की बातें करके पालिका में भी रामराज्य लाने के लिए प्रत्याशी को जिताने की बात करते हैं। कांग्रेस प्रत्याशी मुमताब बेगम के पति शाकिर अली मंसूरी का राजनैतिक शौक है कि वे चर्चा में बने रहें, शायद इसी कारण उन्होंने इस बार मुमताज को कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतार दिया। आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी राधा श्रीवास्तव के पुत्र अंकुर श्रीवास्तव व्यापारी नेता हैं। नगर पालिका में अक्सर जनसमस्याओं को लेकर चेयरमैन का घेराव करने में अपनी पहचान बनाने वाले अंकुर स्वयं चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन सीट पर महिला आरक्षण हो जाने पर उन्होंने अपनी माता जी राधा श्रीवास्तव को मैदान में उतार दिया।
भाजपा प्रत्याशी सुषमा गुप्ता एक बुजुर्ग घरेलू महिला हैं। राजनीति से उनका कभी भी दूर-दूर तक का नाता नहीं रहा। लेकिन उनके पुत्र रूपेश गुप्ता भाजपा के जिलाध्यक्ष हैं। इस नाते उन्हें टिकट मिली और वह चुनाव मैदान में हैं। उनके पक्ष में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या एवं प्रदेश सरकार के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी जैसे दिग्गजों का भ्रमण भी हो चुका है। सपा प्रत्याशी एकता के पक्ष में माहौल बनाने के लिये सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल गत दिवस से डेरा जमाए हुए हैं। लेकिन स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जाने वाला चुनाव कहीं से प्रभावित होता दिखाई नहीं दे रहा है। मतदाता मन ही मन में नगर पालिका किसको सौंपी जाए यह गणित भिड़ाने में लगे हैं। समस्याओं का समाधान कौन कर सकेगा इस पर चर्चा की गई तो परिणाम एक ही निकलता है कि सब एक से हैं।
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