यूथ इण्डिया संवाददाता, फर्रुखाबाद| सृष्टि के प्रथम पत्रकार देवर्षि नारद जयंती पर प्रेस क्बल के बैनर तले कलमकार भवन में कलम सिपाहियों ने नमन निवेदित किया। साहित्यकारों का प्रतिनिधित्व करते हुए देश के जाने-माने हुए मंच संचालक एवं वरिष्ठ कवि डॉ० शिव ओम अम्बर ने साहित्यकारों का प्रतिनिधित्व किया और पत्रकार व साहित्कार को एक सिक्के के दो पहलू बताया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता साहित्य की एक विद्या है। पत्रकार उस विद्या में पारंगत साहित्यकार ही होता है। इसलिए पत्रकारों व साहित्यकारों में भेद नहीं करना चाहिए।
उन्होंने मौजूद कलमकारों का आवाह्न किया कि वे अधिक से अधिक अध्ययन करें। क्योंकि अध्ययन से ही पत्रकारिता की दिशा तय होती है। उन्होंने देवर्षि नारद को सृष्टि का प्रथम पत्रकार माना और कहा कि तत्कालीन समय में देवा और असुरों के बीच सर्व मंगल की कामना को लेकर सामंजस्य स्थापित करने वाले देवर्षि नारद की तरह ही वर्तमान में पत्रकार अपनी भूमिका निर्वहन कर रहे हैं।
उन्होंने पत्रकारिता के गिरते मूल्यों पर चिंता जताते हुए कहा कि कलम के सिपाही कलम के प्रति ईमानदार बने रहें । यही देवर्षि नारद का सच्चा स्मरण होगा। उन्होंने अपनी पंक्तियों से पत्रकारिता को महिमा मण्डित किया। सच कहने की हिम्मत रखते हैं हम, दुनियादारी की कला नहीं रखते, आवाज तल्ख है, तीखी है तो है, हम दो स्वर वाला गला नहीं रखते। उन्होंने कहा कि देवर्षि नाराद ब्रह्मा जी के दशवें मानस पुत्र हैं।
प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय सिंह ने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में चुनौतियों स्वीकार करते हुए काम करना है। उन्होंने देवर्षि नारद को नमन किया। व्यापारी नेता संजय गर्ग ने कहा कि पत्रकारिता को मिशन ही बना रहने दें व्यवसाय न बनाएं। प्रेस क्लब के अध्यक्ष सर्वेन्द्र कुमार अवस्थी इन्दू ने एकता का पाठ पढ़ाया। प्रभात अवस्थी ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन युवा पत्रकार दिलीप कश्यप कलमकार ने किया। इस अवसर पर नेहरू युवा केन्द्र की परियोजना अधिकारी निहारिका पटेल, राजेश निराला, ओम प्रकाश शुक्ला, रविन्द्र भदौरिया, मोहन लाल गौड, लक्ष्मीकांत भारद्वाज, इशरार खाँ, विशाल भारती, सुरेश गुप्ता, अनिल प्रजापति, सैय्यद तारिक मियां, अरविंद यादव, संदीप सक्सेना, सुशील मिश्रा, समेत कई कलमकार व साहित्यकार मौजूद रहे।
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